सीता स्वयंवर मंचन देखकर आनंदित हुए श्रद्धालु

By sourabh deshmukh

Published on:

Follow Us

Betul News Today / चिचोली :- नगर के शनिचरा पूरा स्थित प्राचीन दुर्गा माता मंदिर प्रागण में सत सनातन धर्म रामायण प्रसार मंडल विंध्याचल काशी धाम के तत्वाधान में चल रही रामलीला में शनिवार को सीता स्वयंवर का मंचन किया गया।

रामलीला नाटक मंचन में सीता स्वयंवर परशुराम लक्ष्मण संवाद का शानदार मंचन किया। रामलीला देखने के लिए दर्शकों की बड़ी संख्या पहुंची। सीता स्वयंवर के मंचन के बाद राम विवाह पर दशकों में उल्लास छा गया।
मंचन के दौरान भगवान राम स्वयंवर में जैसे ही प्रवेश करते हैं, सब उनके मनमोहक रूप को देखकर मोहित हो उठते हैं। राजा जनक घोषणा करते हुए कहते हैं कि जो भी राजा धनुष का प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उस राजा से अपनी पुत्री सीता का विवाह करेंगे। राजा जनक की घोषणा को सुनकर संसार के विभिन्न राज्यों से आए राजाओं ने एक-एक करके धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन सभी राजा असफल रहे।

Read Also : Betul Samachar – विकास खंड स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन

धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाना तो दूर कोई भी राजा धनुष को हिला तक नहीं पाए। यह सब देखकर महाराजा जनक भरी सभा में एलान करते हैं कि विश्व में कोई भी वीर नहीं बचा जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा सके। उनकी बात को सुनकर भगवान राम के साथ मौजूद उनके भाई लक्ष्मण क्रोधित होते हैं। उन्हें भगवान राम शांत करते हैं।

तब श्रीराम को विश्वामित्र मुनिवर ने आज्ञा देते हैं कि आप शिव भगवान के महा धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाओ, ताकि क्षत्रिय वंश का नाम कलंकित न हो। तब श्रीराम ने गुरु की आज्ञा से धनुष का चिल्ला चढ़ा दिया व महाराजा जनक की शर्त अनुसार सीता ने राम के गले में वरमाला डाल दी। सभी देवी देवताओं ने पुष्प वर्षा कर दोनों को आशीर्वाद दिया और सीता स्वयंवर पर जनकपुर में उल्लास छाया गया। विवाह गीत गाए गए । इसके बाद मंच पैर पूजने का कार्यक्रम आयोजित हुआ। राम विवाह महोत्सव मनाया गया

सत सनातन धर्म रामायण प्रचार मंडल विंध्याचल धाम काशी के महंत शिव प्रकाश तिवारी ने. कहा कि भगवान राम और माता सीता का संपूर्ण जीवन मानव को जीवन को सही ढंग से जीने की कला से अवगत करवाता है।

Leave a Comment