Chana Ki Kheti: सर्दियों में आप अपने खेतों में कई तरह की दालें बो सकते हैं, जिनमें से एक चना भी है। आप सर्दियों की शुरुआत में चना उगा सकते हैं। सिंचित चने की बुवाई अक्टूबर से नवंबर तक की जा सकती है। सर्दियों की शुरुआत में बीज बोने से बहुत अच्छी फसल मिलती है। ये पौधे मध्यम ठंड को सहन कर सकते हैं। अगर बाद में बोया जाए तो पौधे छोटे होंगे और फलियाँ देर से और कम मात्रा में पकेंगी। आइए जानते हैं कि इन्हें लगाने के लिए किस तरह की मिट्टी की जरूरत होती है और क्या नहीं भूलना चाहिए।
चने के पौधों को मध्यम धूप की जरूरत होती है। इसके बीजों को 5 से 7 इंच गहराई में लगाएं। बीजों के बीच एक इंच और पंक्तियों के बीच 18 से 24 इंच की दूरी रखें। इस तरह फसल अच्छी होगी।
चना हल्की से भारी मिट्टी में उगाया जाता है। इसकी खेती के लिए ऐसे भूखंड चुनें जहां जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था हो। पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए 5.5 से 7 पीएच वाली मिट्टी बहुत अच्छी मानी जाती है।
मदन सिंह बिष्ट ने बताया कि वर्षा आधारित खेती के लिए अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में बीज बोना चाहिए और सिंचित खेती के लिए नवंबर के महीने में बीज बोना चाहिए। चने की खेती के लिए 3 से 4 सिंचाई पर्याप्त होती है। बुवाई से पहले जुताई करके फसल बोनी चाहिए। फिर फसल की निराई करके पहली सिंचाई बुवाई के 35-40 दिन बाद, दूसरी सिंचाई 70-80 दिन बाद और आखिरी सिंचाई 105-110 दिन बाद करनी चाहिए।
इस फसल से चने का साग प्राप्त होता है जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसे पालक और मेथी से कई गुना अधिक पौष्टिक माना जाता है।
यह सब्जी प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, विटामिन ए और विटामिन सी से भरपूर होती है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी अच्छी मात्रा में होते हैं, जो इसे स्वास्थ्य के लिए और भी अधिक फायदेमंद बनाते हैं।