शिवगढ़ वीरान का हनुमान मंदिर वन कर्मी पवन ठाकुर ने जेसीबी से गिराया :- मंदिर समिति
Betul Ki Khabar / भैंसदेही (मनीष राठौर) :- भैंसदेही विकासखंड के सकल हिन्दू समाज लगभग 4 बजे के बाद दक्षिण उप वन मंडल भैंसदेही के मुख्य द्वारा पर धरने पर बैठ गया। और नारेबाजी करते नजर आया , वन विभाग द्वारा धरने की सूचना भैंसदेही थाना प्रभारी को देने के बाद पुलिस बल भी वन विभाग में मुस्तैद रहा , धरणा प्रदर्शन लगभग 1 से 2 घंटे तक चलता रहा , सकल हिन्दू समाज के लोगों को वन विभाग के एसडीओ और वन विभाग पर कई आरोप लगाए, वन विभाग एसडीओ पांडे द्वारा अपने बातों में बहलाने फुसलाने के सारे प्रयास कर लिए परंतु प्रदर्शन करने वाले अपनी बात पर अड़े रहे। बहुत ज्यादा विवादित स्थिति होने पर एसडीओ द्वारा दक्षिण उप वन मंडल के डीएफओ से फोन पर बात करवाई , प्रदर्शनकर्ताओं ने सारी घटना डीएफओ को बताई , विडंबना इस बात की सामने आई कि लगभग 1 माह पहले वन कर्मी द्वारा तोड़े हनुमान मंदिर की जानकारी अपने डीएफओ तक विभाग द्वारा नहीं दी गई , जबकि घटना सामने आते ही हिन्दू संगठनो ने कई बार आवेदन निवेदन किए जा चुके थे। बताया जा रहा है कि संबंधित वन कर्मी पर कार्यवाही करने की बात भी स्वयं एसडीओ वन विभाग द्वारा कही गई थी , जिसके बाद मामला शांत होते ही अधिकारी अपनी बातों से मुखर गए जिसका नतीजा बुधवार को सकल हिन्दू समाज बड़ी संख्या में वन विभाग के मुख्य द्वार पर धरने पर अपनी मांगों को लेकर बैठ गया।
राजस्व जमीन को रिजर्व फॉरेस्ट बता रहा वन विभाग
सकल हिन्दू समाज विरोध प्रदर्शन में उपस्थित पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष अनिल सिंह ठाकुर ने जब वन विभाग से शिवगढ़ को रिजर्व फॉरेस्ट में शामिल करने के दस्तावेज मांगे तो विभाग के एसडीओ खाली मुंह से बहस करते नजर आए परन्तु वह दस्तावेज नहीं दिखा पाए। तब पूर्व अध्यक्ष ने बताया कि शिवगढ़ किसी समय में एक गांव था जहां के लोगो को किसी कारण वश सरकार द्वारा अन्यत्र स्थान पर उस समय बसाया गया । जहा आज भी उनके अवशेष के रूप में किले , खंडर , मंदिर , देखे जा सकते है। जिसका राजस्व में शिवगढ़ वीरान के नाम से रिकॉर्ड दर्ज है। तो रिजर्व फॉरेस्ट का बता कर गुमराह क्यों किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारियो ने पंचम पर भी लगाए कई आरोप
प्रदर्शनकारियों द्वारा वन विभाग में पदस्थ आपरेटर किसी पंचम पर भी कई आरोप लगाए , तथा उसकी संपत्ति ओर खातों की जांच हो तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा बता रहे थे। आगे बताया कि वन विभाग में पंचम के माध्यम से पूरा भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। लोगों ने यह भी बताया कि पंचम द्वारा वन विभाग की किसी भूमि को अधिकारियों के संरक्षण में समतल कर अवैध रूप से कब्जा कर खेती की जा रही है। साथ ही अपने परिवारजनों के खाते में विभागीय राशि डालने के भी आरोप लगाए। यह भी आरोप लगाए पूर्व में लगा वाहन हटाकर पंचम की बोलेरो वाहन को वन विभाग में लगा रखा है। साथ ही वन विभाग में ऑपरेटर है और बहुत संपति जमा कर रखी है। जिसकी जांच हो तो वन की आंखे खुल जाएंगी। प्रदर्शन करने वालो का कहना था कि पंचम अपने आप को रेंजर से बड़ा अधिकारी समझता है। सीधे मुंह बात नहीं करता , जिसकी संपत्ति की जांच करने की बात कही , जिसकी स्वराज वार्ता पुष्टि नहीं करता , साथ ही अन्य लोगों द्वारा वन विभाग की भूमि पर किए गए अतिक्रमण की जांच करने के लिए ज्ञापन सौंपा।
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यह था मामला
बताया जा रहा की लगभग 1 माह पूर्व दक्षिण उप वन मंडल के वन कर्मी पवन ठाकुर द्वारा लगभग 200 साल पुराना प्राचीन हनुमान मंदिर जो शिवगढ़ में स्थापित था , उसे जेसीबी की मदद से तुड़वा दिया गया। जिसकी जानकारी सामने आते ही मंदिर समिति ओर हिन्दू संगठनो के लोगो द्वारा वन विभाग में लगातार दो से तीन बार ज्ञापन भी सौंपा था। जिस पर वन विभाग के रेंजर चौहान ने पूरे मामले पर पुनः मंदिर निर्माण करने और स्वयं का सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया गया था। जिसके बाद मामला ठंडा हुआ। जिसकी जांच भी वन विभाग के एसडीओ पांडे द्वारा स्थल निरीक्षन कर पंचनामा बनाया गया था , साथ ही संबंधित वन कर्मी को पत्र जारी कर तीन दिन में जवाब भी मांगा था , जिसके बाद समस्त मामले की जांच और जानकारी को वन विभाग के एसडीओ पांडे दबाए बैठे है। बताया जा रहा की मामला दोबारा तब उठा जब मंदिर समिति ओर हिन्दू संगठनो के साथ मामले को लेकर बिठाए गए तालमेल को रेंजर ने बाद में हवा में उड़ा दिया और मंदिर निर्माण की बात से मुखर गए। जिसकी जानकारी स्वयं मंदिर समिति ने दी , जिसका मंदिर समिति ओर हिन्दू संगठनो के लोगो में रोष था। बुधवार को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और मंदिरों ओर मूर्तियों को तोड़ने के विरोध में सकल हिन्दू समाज भैंसदेही ने एकत्रित होकर बंगलादेश की घटना पर विरोध जताया , व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। ओर ज्ञापन सौंपा , जिसके बाद करवा वन विभाग पहुंचा और वन विभाग को बांग्लादेश जैसी करतूत करने पर बहुत खरी खोटी सुनाई, जम कर नारे बाजी की। और प्रदर्शन किया।
इनका कहना है
जिस जमीन को वन विभाग अपना बता रहा है दरसल वह राजस्व की जमीन है , जो आज भी राजस्व के रिकॉर्ड में शिवगढ़ वीरान के नाम से दर्ज है। तो वह वन विभाग की जमीन कैसे हो सकती है। शिवगढ़ वीरान में प्राचीन ऐतिहासिक हनुमान मंदिर था जिसको वन कर्मी द्वारा अपने अधिकारियों के कहने पर तोड़ने की जानकारी सामने आई है , मंदिर तोड़ने की घटना में जितने भी अधिकारी कर्मचारी जिम्मेदार है सब कर नियमानुसार कार्यवाही होनी चाहिए।