Betul News in Hindi / भीमपुर (मनीष राठौर) :- श्रीराम कथा में मुख्य यजमान श्रीमती करुणा धनराज आर्य ने भगवान श्रीराम की आरती की और कथावाचिका निशि दीदी से आशीर्वाद लिया। श्री राम कथा के ज्ञान यज्ञ सप्ताह में नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के पांचवा दिन में भगवान श्रीराम के जन्म का प्रसंग की ऐसी व्याख्या की कि श्रोता भावविभोर हो उठे। कथा वाचन के दौरान निशि दीदी ने कहा कि तीन कल्प में तीन विष्णु का अवतार हुआ है और चौथे कल्प में साक्षात भगवान श्रीराम माता कौशल्या के गर्भ से अवतरित हुए हैं। उन्होंने कहा श्री राम कथा विश्व को मानवता, प्रेम तथा पारिवारिक एवं सामाजिक मर्यादा का संदेश है। सत्य से विचलित मानवता को युग-युगांतर तक सही मार्ग दिखाता रहेगा नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के पांचवे दिन में भक्तिमय श्री राम कथा का वर्णन करते हुए इस मौके पर मौजूद श्रद्धालु भगवान श्रीराम की सम्पूर्ण कथा का श्रवण कर झूम उठे। चुनालोहमा चल रही श्रीराम कथा में श्रद्धालुओं की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है जिसमें आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से भी महिलाएं की संख्या अधिक है जिसमें महिलाएं संपूर्ण राम कथा का पूरा आनंद नृत्य करके ले रहे हैं कथा प्रवक्ता मानस सेविका निशि दीदी जी ने राम कथा के सुंदर प्रस्तुति कर ऐसी व्याख्या कि महिलाएं भावविभोर हो उठे। कथावाचिका श्री निशि दीदी जी ने भगवान भोलेनाथ,सती प्रसंग की विस्तार से व्याख्या की।
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भगवान भोलेनाथ माता पार्वती ओर भगवान श्री राम कथा को विस्तार पूर्वक समझाया परमात्मा अपने भक्तों का हित करने के लिए बडा से बड़ा दंड देख सकता है अपने बच्चों को सुधारने के लिए मां-बाप बच्चों को डांटते है मारते हैं परमात्मा हमें थोड़ा दंड देकर बड़ी से बड़ी मुसीबत से बचाते हैं इसीलिए कहते हैं प्रभु के जैसा दयालू इस पूरी दुनिया में कोई नही इंसान का कोई कार्य सफल हो जाता है तो उसका श्रेय भगवान को देना चाहिए भगवान भोलेनाथ कहते हैं देवताओं ने जिस उद्देश्य से मेरा विवाह कराया वह सफल हो गया अब मैं जा रहा हूं अपने ध्यान में राम नाम में लीन रहूंगा माता पार्वती ने मना करते हुए भगवान भोलेनाथ से 13 प्रश्नन किए इन 13 प्रश्नों के साथ कथा प्रवक्ता श्री निशि दीदी द्वारा श्रद्धालुओं को श्रोताओं को संपूर्ण कथा में भगवान भोलेनाथ माता पार्वती और माता सती का वर्णन कर श्रद्धालुओं को भाव से नृत्य करने लगें श्री राम कथा में राजा हिमाचल व रानी मैना के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया। फिर माता पार्वती से भगवान शंकर का विवाह हुआ और दोनों कैलाश पर्वत जाकर रहने लगे। संगीतमय श्रीराम कथा सुनने के लिए आसपास के ग्रामीणजन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो रही है। चुनालोहमा में श्रीराम कथा के अमृत वर्षा में श्रद्धालु गोता लगा रहे है। दोपहर एक से लेकर 5 बजे तक श्रीराम कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। साथ ही सुंदर-सुंदर भजनों के साथ कथा का वर्णन करते हुए श्रद्धालुओं ने पूरी कथा का आनंद भी लिया वही यह भी ज्ञात हुआ कि आसपास के क्षेत्रवाशियो को श्री राम कथा श्रोताओं को बहुत आनन्द आ रही है क्योंकि श्रोता और प्रवक्ता बहुत बडिया कथा का वर्णन हो रहा श्रद्धालुओं की संख्या ही बता रही है की कथा श्रद्धालुओं को बेहद पसंद आ रही हैं