Betul Ki Khabar: स्कूली बच्चों को विषय पढ़ाने में आने वाली दिक्कतों को दूर करने और उन्हें नई तकनीक का इस्तेमाल करना सिखाने के लिए आज (रविवार) करीब दो हजार शिक्षकों ने विषय प्रशिक्षण लिया। इसे आम तौर पर गुणवत्ता संवर्द्धन या विषय फोकस कहा जाता है। स्कूली बच्चों को विभिन्न विषय पढ़ाने वाले शिक्षक आज बैतूल में खुद पढ़ाते नजर आए। सरकार के विषय आधारित प्रशिक्षण के तहत मुख्य प्रशिक्षक ने जिले भर के 284 हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के विभिन्न विषयों के शिक्षकों को छह विषयों का क्लासरूम प्रशिक्षण दिया। इससे हाईस्कूल के परीक्षा परिणाम को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इस प्रशिक्षण में शिक्षकों को उन विषयों और मुद्दों के बारे में जानने की जरूरत है। जिससे उन्हें पढ़ाना मुश्किल हो जाता है। इस दौरान उन्हें टैबलेट पर इंटरेक्टिव पैनल के इस्तेमाल की भी जानकारी मिली। शिक्षकों ने इस प्रशिक्षण को बेहद महत्वपूर्ण कदम बताया। बेस्ट ऑफ फाइव को खत्म करने पर बढ़ी चिंता विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार ने इस सत्र से बेस्ट ऑफ फाइव की अवधारणा को वापस ले लिया सरकारी स्तर पर भी चिंता है कि बेस्ट ऑफ फाइव की अवधारणा समाप्त होने से आगामी सत्र में माध्यमिक विद्यालयों के परीक्षा परिणाम प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए सरकार ने इस प्रशिक्षण को शिक्षकों के लिए काफी उपयोगी बताया है।
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