अमेरिका में अवैध प्रवासियों पर ट्रंप का एक्शन जारी है। इस बीच ट्रंप ने कहा है कि वह अवैध प्रवासियों को दुनिया की सबसे खतरनाक जेल में निर्वासित करने जा रहे हैं। जिसका नाम ग्वांतानामो बे है। जहां से निकलना काफी मुश्किल है। अब अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों पर ट्रंप का रुख सख्त है। राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही उन्होंने बिना डॉक्युमेंट्स के रह रहे अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने की बात कही थी। साथ ही उन्होंने अन्य देशों को भी ये चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने इन लोगों को वापस लेने से इनकार किया तो उनको इसके परिणाम भुगतने होंगे।
अवैध प्रवासियों पर ट्रंप की सख्ती
ट्रंप का यह आदेश रक्षा विभाग और होमलैंड सुरक्षा विभाग को ग्वांतानामो की खाड़ी में 30,000 व्यक्तियों की प्रवासी व्यवस्था तैयार करने को लेकर है। द हिल की रिपोर्ट के मुताबिक, क्यूबा में इस फैसिलिटी का इस्तेमाल सैन्य कैदियों को रखने के लिए किया जाता है, इसमें 9/11 के हमलों में शामिल कई कैदी भी शामिल हैं। ट्रंप ने रिले अधिनियम को कानून बनाने के लिए हस्ताक्षर वाले एक कार्यक्रम में कहा कि ग्वांतानामो खाड़ी में 30,000 बेड की व्यवस्था है। अमेरिकी लोगों को धमकी देने वाले खतरनाक अपराधियों को ग्वांतानामो खाड़ी में रखा जाता है। ट्रंप ने कहा कि हम नहीं चाहते कि वे लोग वापस आएं। इसीलिए उनको ग्वांतानामो भेजने का फैसला लिया है। ट्रंप का यह आदेश अमेरिका से अवैध प्रवासियों को बाहर भेजने की कोशिशों की दिशा में नया कदम है।
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2001 के आतंकी हमलों के बाद अस्तित्व में आई जेल
इस जेल की स्थापना 1903 में हुई थी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसे बंद करने की बात कही थी।इस जेल को लेकर दुनिया भर में अमेरिका की आलोचना होती है। साल 2001 में 11 सितंबर को अमेरिका में आतंकी हमले के बाद इस जेल को शुरू किया गया था। जिसके बाद यहां उन्हीं लोगों को रखा जाता है, जो आतंकवाद संबंधी घटनाओं में शामिल होते है।बता दें कि अमेरिका में 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमलों के बाद तत्कालीन बुश प्रशासन ने अफगानिस्तान और इराक के अलावा दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से सैकड़ों संदिग्ध आतंकवादियों को पकड़कर क्यूबा स्थित अमेरिका जेल ग्वांतानामो बे में बंद कर रखा है। वर्ष 2002 में क्यूबा स्थित अमेरिकी सैनिक अड्डे ग्वांतानामो बे जेल में बंद कैदियों की तस्वीरें पहली बार सार्वजनिक हुईं थीं। इनमें कैदियों को बेडि़यों में जकड़ा हुआ था। जेल में ज्यादातर वे लोग हैं, जिन्हें अमेरिकी सरकार चरमपंथी नेता घोषित कर चुकी है। तस्वीरों के सामने आने के बाद दुनियाभर में इसकी निंदा हुई थी। इंटरनेशनल और रेड क्रॉस ने इन कैदियों से मानवीय व्यवहार की मांग की थी।
अभी भी खतरनाक कैद मानी जाती है ग्वांतानामो बे की जेल
ग्वांतानामो बे अमेरिकी सैन्य अड्डा है जहां संदिग्ध आतंकवादियों को रखा जाता है। आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अमेरिका द्वारा यातना और दुर्व्यवहार के आरोपों के बीच यह खराब प्रकाश में आया। पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन ने सुविधा में परिचालन बंद कर दिया था। द हिल की रिपोर्ट के अनुसार, वहां अभी भी 15 बंदी हैं।कैदियों को जबरन खिलाने की प्रथा
कैदियों को जबरन खिलाने की प्रथा
ग्वांतानामो बे से जुड़ा एक भयानक किस्सा काफी मशहूर है। यहां भूख हड़ताल करने पर कैदियों को जबरन खिलाने की प्रथा थी। जहां अमेरिकी सेना इसे एक जरूरी उपचार का हिस्सा बताती रही है वहीं आलोचकों ने कहा है कि यह यातना के समान है। “एंटरल फीडिंग” नाम की इस प्रक्रिया में कैदी की नाक से उसके पेट में एक ट्यूब डाली जाती है। इसके बाद पाइप के जरिए खाने को पंप किया जाता है।