भारत/पाकिस्तान : विभाजन के बाद तीसरी बार पाकिस्तान से 480 हिंदुओं की अस्थियां लाई भारत

By betultalk.com

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सनातन धर्म का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान में रहने वाले कई भारतीयों की अस्थियां लेकर पाकिस्तान से भारत पहुंचा है। यह प्रतिनिधिमंडल अटारी-वाघा बॉर्डर से ट्रेन द्वारा हरिद्वार जाएगा और पूरी रीति-रिवाज के साथ अस्थियों को गंगा में विसर्जित करेगा। इस बार वे 480 लोगों की अस्थियां लेकर आए हैं, जिनमें से 350 सनातन धर्म से हैं और 50 सिख परिवारों से हैं। ये अस्थियां उन सभी लोगों की हैं, जिनकी 2011 से अब तक वहां मौत हुई है। मोक्ष की प्राप्ति के लिए अंतिम स्मृतियों को हरिद्वार में विसर्जित किया जाएगा। हिन्दू परिवारों के इस समूह की अगुवाई कराची के पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत श्री राम नाथ महाराज कर रहें हैं।

विभाजन के बाद तीसरी बार अस्थियां लाई भारत

1947 के बाद तीसरी बार है कि अस्थियां भारत लाई गई हैं। श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के संरक्षक रामनाथ ने कहा कि हम कई सालों से भारत सरकार से जो मांग कर रहे थे, जो पूरी हुई। पहली बार 2011 में 135 अस्थियां लाए थे। ये अस्थियां 64 वर्ष से संभालकर रखी गई थीं। इन्हें गंगा में विसर्जित किया जाए। 2016 में भी 160 अस्थियों को गंगा लाया गया था।

शमशान घाट पर सहेज कर रखते हैं अस्थियां

पाकिस्तान में रह रहे हिन्दू परिवार अक्सर अपने परिजनों के मरने के बाद उनकी अस्थियां संभाल कर रखते हैं? ताकि कभी भविष्य में वह अपने पूर्वजों की निशानी गंगा में विसर्जित कर सकें। जानकारी के अनुसार 400 से अधिक पाकिस्तानी हिन्दुओं की अस्थियों को कराची के मंदिरों और श्मशान घाटों में रखा गया था। अब वीज़ा मिलने के बाद उनकी अस्थियों को गंगा में विसर्जित किया जा सकेगा जिससे उनकी आत्मा को शांति मिल सकेगी।

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22 फरवरी को कनखल के सीता घाट पर विसर्जन

दिल्ली की श्री देवोथान सेवा समिति के महासचिव विजय शर्मा और अन्य लोग अटारी बॉर्डर पर अस्थियां लेने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि 4 से 21 फरवरी तक अस्थियों को दिल्ली के सबसे पुराने और बड़े श्मशान घाट, निगम बोध घाट पर रखा जाएगा। लोग यहां आकर श्रद्धांजलि दे सकेंगे। 21 फरवरी को वैदिक रीति-रिवाजों के साथ अस्थियों को हरिद्वार ले जाया जाएगा। 22 फरवरी को कनखल के सीता घाट पर विसर्जन होगा। इसके साथ 100 किलो दूध की आहुति दी जाएगी। यह एक पारंपरिक हिंदू रस्म है। विजय शर्मा ने भारत सरकार से आग्रह किया कि वे उन हिंदुओं को वीजा जारी करें जो अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार हरिद्वार में करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे सभी मंचों के माध्यम से अपनी मांग उठाएंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि पाकिस्तानी हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान हो।

पाकिस्तान में 22 लाख से अधिक हिन्दू रहते हैं

देखा जाए तो आज की तारीख में पाकिस्तान के राष्ट्रीय डेटाबेस और पंजीकरण प्राधिकरण ( NADRA) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान में 22 लाख से अधिक हिन्दू रहते हैं, जो इस्लामिक राष्ट्र की आबादी का लगभग 1.18 प्रतिशत है और इसमें से अधिकतर 95 प्रतिशत सिंध में रहते हैं, इसलिए विसर्जन का इंतज़ार कर रही अधिकतर लोगों की अस्थियां वहीं से हैं। दोनों देशो में चल रहे तनाव के के कारण सन 2011 से 2016 तक, अटारी-वाघा संयुक्त चेक पोस्ट (JCP) के माध्यम से केवल 295 पाकिस्तानी हिन्दुओं की राख भारत लाई गई थी।

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