Uniform Civil Code: कुछ दिन पहले उत्तराखंड में UCC यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हुआ था। यूनिफॉर्म सिविल कोड को हम हिंदी में कहेंगे समान नागरिक संहिता। इसके लागू होते ही उत्तराखंड में संपति शादी, लिव इन रिलेशनशिप और बहु विवाद जैसे कानूनों में बढ़े बदलाव किए गए है। यानी अब सभी धर्मों के लिए एक ही कानून होगा। साथ ही उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। लेकिन, उत्तराखंड के बाद अब गुजरात सरकार भी आज UCC को लेकर बड़े ऐलान कर सकती है। आपको बता दे कि, उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद से जो बदलाव हुए है। लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले को पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, साथ ही अपने माता पिता की भी अनुमति लेनी होगी। इसके बाद भी अगर किसी का लिव इन रिलेशनशिप टूटता है, तो महिला अपने गुजारे, भत्ते की भी मांग कर सकती है। हालांकि, इसके अलावा भी राज्य है जहां पर UCC कानून लागू हो सकता है, मध्य प्रदेश, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, असम महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा शामिल है। इन जिलों में भी जल्द सरकार UCC लागू करने वाली है।
समिति राज्य सरकार को 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी
अब गुजरात में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो सकता है। इसको लेकर राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी गई है।समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए इसके कार्यान्वयन के लिए एक समिति का गठन किया गया है। समिति राज्य सरकार को 45 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और इसके आधार पर सरकार निर्णय लेगी।बता दें कि, गुजरात की भाजपा सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में इस समिति के गठन की घोषणा की है। इस संबंध में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंगलवार को कहा कि, सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
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UCC से क्या फायदा होगा?
समानता (Equality):- यूसीसी (Uniform civil code) के मुख्य फायदों में से एक यह है कि यह सभी नागरिकों को उनके धर्म, जाति या लिंग के बावजूद समान अधिकार और अवसर प्रदान होता है। यह सामाजिक समानता (Social Equality) को बढ़ावा देता है और धर्म या समुदाय के आधार पर भेदभाव (Discrimination) को खत्म करने में है।
भारत के अलावा भी ऐसे कई अन्य देश हैं जहां नागरिकों के हित में सिविल कोर्ड या इसके जैसे कानून बने हुए हैं। जैसे फ्रांस, अमेरिका, तुर्की जैसे कुछ देशों में यूनिफॉर्म सिविल कोड पूरी तरह से सभी नागरिकों पर लागू होता है, चाहे उनका धर्म या विश्वास कुछ भी हो, आइए उनके बार में जानते हैं।
America: अमेरिका में यूनिफॉर्म सिविल कोड का काफी महत्व है।यह कोड यहां के हर नागरिक पर लागू होता है लेकिन यहां कानून की कई परतें हैं, जो देश, राज्य और काउंटी, एजेंसियों और शहरों में अलग-अलग लागू होती हैं। यहां सुप्रीम कोर्ट के अलावा हर राज्य के पास खुदके लीगल इंस्टीट्यूशन हैं। यहां सुरक्षा, कराधान, सामान्य कानूनी के मुद्दे संघीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देखे और सुलझाए जाते हैं।
Rome: नागरिक कानून के सिद्धांत रोम में ही जन्मे हैं। यहां के लोगों द्वारा एक कोड बनाया गया था जिसमें नागरिकों के सिद्धांतों की बात कही गई थी। इस कोड में यह शामिल था कि कानूनी मुद्दों पर फैसला कैसे लिया जाएगा। रोम में इसे ‘जूस सिविले’ कहा करते हैं। हालांकि समय के साथ-साथ रोम के इस सिविल कोड में काफी बदलाव भी किए गए हैं।
Turkey: तुर्की में यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाने के लिए तुर्की संसद ने यूरोपीय देशों के नागरिक संहिताओं की तुलना करने के लिए एक समिति का गठन किया था। ऑस्ट्रियाई, जर्मन, फ्रेंच और स्विस जैसे देशों की नागरिक संहिता की जांच की गई थी। जिसके बाद 25 दिसंबर 1925 को अ ने तुर्की नागरिक संहिता के मॉडल को स्विस नागरिक संहिता जैसे बनाने का फैसला लिया था। इसके बाद 17 फरवरी 1926 को तुर्की नागरिक संहिता अधिनियमित की गई थी।
France: बता दे कि, फ्रांस में सन 1804 मे यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होता है यहां सबसे पहले नेपोलियन सिविल कोड लागू किया गया था। फ्रांस में इसे नेपोलियन कोड भी कहा जाता है। इसने संपत्ति, वस्तुओं, सूदखोरी, सुखभोग, उत्तराधिकार, वसीयत, उपहार, अनुबंध और अर्ध-अनुबंधों के एक विशाल क्षेत्र को अपने में समाहित कर लिया।फ्रांसीसी कोड ने विशेषाधिकार और समानता, रीति-रिवाजों और कानूनी आवश्यकताओं के बीच संतुलन स्थापित किया। समय-समय पर इस कोड में कई बदलाव भी किए गए है। यह कोड 36 कानूनों और 2,281 अनुच्छेदों से बना है, जो कि लोग, सामान और संपत्ति, तीन भागों में विभाजित है।