योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें फिर एक बार बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। केरल की एक कोर्ट ने रामदेव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। इतना ही नहीं बल्कि रामदेव के अलावा पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ भी वारंट जारी किया है। केरल की पलक्कड़ जिले की कोर्ट दोनों के ही खिलाफ एक वारंट उनकी गैरहाजिरी के कारण जारी किया है। बता दें, कि वे केरल के ड्रग्स इंस्पेक्टर द्वारा दिव्य फॉर्मेसी के खिलाफ दायर किए गए आपराधिक मामले 1 फरवरी को अदालत में पेश नहीं हुए, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। इससे पहले non- bailable warrant जारी हुआ था।
क्या है मामला?
यह मामला अक्टूबर 2024 में शुरू हुआ था, जब प्लास्टिक आयुर्वेद पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने मसालों को उच्च रक्तचाप और मधुमेह के इलाज के लिए गलत तरीके से प्रचारित किया था। इसमें “ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954” के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद 16 जनवरी को कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया, लेकिन जब बाबा रामदेव ने 1 फरवरी को कोर्ट में हाजिरी नहीं दी, तो कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया।
योग गुरु पर कई मामले दर्ज
पतंजलि आयुर्वेद को देश भर में ऐसे कई कानूनी मामलों का सामना करना पड़ रहा है। उनके खिलाफ कोझिकोड और हरिद्वार में भी ऐसे ही मामले दर्ज हैं और कई समन जारी किए गए हैं। ड्रग्स विभाग के अधिकारियों ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि केरल में ही बाबा रामदेव और उनके सहयोगियों के खिलाफ 12 मामले दर्ज हैं। यह भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों पर बढ़ती चिंताओं को दर्शाता है। लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले ऐसे विज्ञापनों पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
अब अगली सुनवाई कब?
इस मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी। अगर बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद अदालत के आदेशों की अनदेखी करते रहे, तो उनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई हो सकती है। यह मामला उन कंपनियों के लिए एक सबक है जो झूठे विज्ञापनों के जरिए लोगों को गुमराह करती हैं। यह मामला संयुक्त उद्यम के लिए एक चेतावनी है कि जो लोग कलाकृति के माध्यम से लोगों को बेकार करते हैं, खासकर जब यह उनकी सेहत से दोस्ती का मामला हो।