MAHAKUMBH 2025 : आखिर क्यों वापस लौटने लगे नागा साधु? ये है खास वजह

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MAHAKUMBH 2025 : महाकुंभ के दौरान बहुत से श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई, जहां देश भर के अखाड़ों के नागा साधु और संत भी यहां स्नान के लिए पहुंचे। महाकुंभ में लोग अमृत स्नान के साथ पेट्रो-संतों के दर्शन करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं, लेकिन अब सभी नागा साधु अपने-अपने अखाड़ों के साथ वापस जा रहे हैं। सभी के मन में यह सवाल है कि अगर महाकुंभ का पर्व मनाली तक मनाया जाए तो नागा साधु वापस क्यों जा रहे हैं?

महाकुंभ का अमृत स्नान और नागा साधु

नागा साधु अपने जीवन की सभी सुख-सुविधाओं को छोड़कर पूर्ण रूप से साधना में लीन रहते हैं. आमतौर पर वह आश्रम,पहाड़ों और जंगलों में तपस्या करते है, लेकिन जब भी कुंभ मेले का आयोजन होता है, तो यह सभी नागा साधु और संत वहां वहां आते हैं और अमृत स्नान का पुण्य प्राप्त करते हैं. इस बार प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन किया गया था. दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या को और तीसरा बसंत पंचमी के दिन किया गया.

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वापस लौट रहे नागा साधु

साधु-संतों के लिए अमृत स्नान का खास महत्व होता है. मान्यता है कि अमृत स्नान करने से एक हजार अश्वमेघ यज्ञ के बराबर का पुण्य प्राप्त होता है. महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद साधु-संत ध्यान लगाते हैं और धर्म ज्ञान पर चर्चा करते हैं, इसलिए बसंत पंचमी के दिन तीसरे और आखिरी अमृत स्नान करने के बाद सभी नागा साधु और संत अपने-अपने अखाड़ों के साथ महाकुंभ से वापस जा रहे हैं.

दौबार कब दिखेंगे नागा साधु?

नागा साधु महाकुंभ के दौरान ही एकत्रित होते हैं. अब यह अगले महाकुंभ यानी साल 2027 में नासिक कुंभ मेले में नजर आएंगे. नासिक में महाकुंभ का आयोजन गोदावरी नदी के किनारे किया जाएगा. जहां हजारों नागा साधु एक साथ एकत्रित होंगे.

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