Betul Ki Khabar:- आमला में महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में तीन दिवसीय पोषण भी, पढ़ाई भी प्रशिक्षण कार्यक्रम का द्वितीय चरण का आज गुरुवार से आरम्भ हुआ। इस मौके पर एसडीएम शेलेन्द्र बडोनिया एवम् जिला कार्यक्रम अधिकारी गौतम अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित थे, एस डी एम एवम् जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को गंभीरता पूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु मार्गदर्शन किया गया साथ ही “पढ़ाई भी पोषण भी” थीम पर दोनों अधिकारी गणों के द्वारा अपने उद्बोधन दिए गए, कुपोषण और बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा के विषय पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से चर्चा परिचर्चा हुई, परियोजना अधिकारी निर्मल सिंह ठाकुर के द्वारा बताया गया कि पीबीपीबी के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को गंभीर रूप से अति गंभीर कुपोषित (एसएएम), मध्यम रूप से कुपोषित (एमएएम) और बच्चों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी संबंधी कुपोषण से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।
“पोषण भी पढाई भी” के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान (एनआईपीसीसीडी) द्वारा एक सुविधा गाइडबुक विकसित की गई है। प्रशिक्षण के दौरान संतुलित आहार और बच्चों में फलों और सब्जियों के अधिक सेवन के साथ स्वस्थ आदतें विकसित करने पर विशेष जोर दिया जाता है। प्रशिक्षण में आंगनवाड़ी केंद्रों (एडब्ल्यूसी) में बच्चों को दी जाने वाली स्वच्छता और सफाई की आदतें भी शामिल हैं। बच्चों के विकास में उनमें अच्छी पोषण संबंधी आदतें विकसित करने के लिए माता-पिता और समुदाय को शामिल करना भी कार्यक्रम का हिस्सा है।
पोषण भी पढ़ाई भी के अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को तीन दिवसीय कार्यक्रम (18 घंटे अवधि) के माध्यम से आरंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) प्रशिक्षण दिया जाता है। विशेष प्रशिक्षण सत्रों में “नवचेतना- जन्म से तीन वर्ष तक के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन प्रोत्साहन की राष्ट्रीय रूपरेखा, 2024 और आधारशिला- तीन से छह वर्ष तक के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम 2024 शामिल हैं । प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्रों में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के लिए खेल आधारित गतिविधियों और साप्ताहिक खेल आधारित कैलेंडर पर मुख्य जोर दिया जाता है।
पोषण घटक में बच्चों में कुपोषण के प्रबंधन के नियम शामिल हैं: इनमें बच्चों में गंभीर तीव्र कुपोषण और मध्यम तीव्र कुपोषण और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी; बच्चों के लिए पोषण, व्यक्तिगत स्वच्छता और साफ सफाई (0-6 वर्ष) और आहार दिशानिर्देश; विकास की निगरानी और पोषण ट्रैकर उल्लेखित है। इसमें दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष प्रयास भी उल्लेखित हैं जिसमें उन्हें जांचने के बाद ज़रूरी सेवाएं देना शामिल है।
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प्रशिक्षण के मुख्य बिंदु:
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 6 वर्ष तक के बच्चों के पोषण और शिक्षा को सुदृढ़ करने के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षित किया गया।
- दो पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं: नवचेतना (0-3 साल) और आधारशिला (3-6 साल)।
- कार्यकर्ताओं को बताया गया कि कैसे वे अपने आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनकी प्रारंभिक शिक्षा को भी बेहतर बना सकती हैं।
प्रशिक्षण का उद्देश्य
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 6 वर्ष तक के बच्चों के पोषण और शिक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए प्रशिक्षित करना है।
आगे की योजना
महिला पर्यवेक्षक ने बताया कि इस प्रथम प्रशिक्षण सत्र में कई महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है। आने वाले दिनों में अन्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से नई गतिविधियों और आधुनिक शिक्षण तकनीकों की जानकारी दी जाएगी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मास्टर ट्रेनर्स परिक्षेत्र पर्यवेक्षकों के द्वारा पूरी लगन और ऊर्जा के साथ प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसे प्रशिक्षणार्थियों के द्वारा पूरे मनोयोग से प्राप्त किया जा रहा है।