Share Market कोहराम मचा हुआ है। निवेशक समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या करें? वजह यह है कि आज कैप्स की बड़ी सप्लाई थी, मानो वे मीडियम कैप्स हों या स्मॉल कैप्स। रिलायंस, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, इंफोसिस, एचसीएल टेक जैसे शेयरों में 10% की गिरावट आई। निवेशकों को एक बार में 19 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। आखिर क्या वजह है कि कोविड के बाद बाजार में इतनी बड़ी गिरावट आई? यह गिरावट अब थमेगी या बाजार में बाकी गिरावट है। अगर आप निवेशक हैं तो आपको इन सवालों के जवाब तलाशने होंगे। आइए जानते हैं बाजार में गिरावट की 5 मुख्य वजहें। साथ ही आगे क्या होगा?
वैश्विक बिक्री
ट्रंप के टैरिफ आतंक की वजह से दुनियाभर के बाजारों में हाहाकार मच गया है। ट्रंप प्रशासन ने अपने टैरिफ के समर्थन का कोई संकेत नहीं दिया। इसका असर आज भारतीय बाजार पर भी पड़ा।
ट्रंप प्रशासन ने 180 से ज्यादा देशों में जमा जटिल टैरिफ को लेकर सख्त रवैया अपनाया। इससे बाजार पर अस्थिरता और चिंता बढ़ गई और तेजी से की गई कार्रवाई के अनुकूल परिणाम की उम्मीद बाधित हुई। इससे अमेरिका समेत दुनिया भर के देशों में मंदी का खतरा बढ़ गया। विशेषज्ञों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय बाजार एक और गिरावट दर्ज कर सकते हैं।
महंगाई बढ़ने का खतरा
मार्केट एक्सपर्ट का मनना है कि ट्रंप के टैरिफ से दुनियाभर में महंगाई बढ़ेंगे जिससे, कॉरपोरेट मुनाफे को कम करेंगे। इससे कंपनियों की कमाई घटेगी। इतना ही नहीं, ये उपभोक्ताओं की भावना पर नकारात्मक असर डालेंगे और आर्थिक विकास पर बोझ बनेंगे।
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विदेशी निवेशकों ने फिर बिकवाली शुरू की
पिछले महीने खरीदार बनने के बाद, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) अप्रैल में एक बार फिर भारतीय शेयरों की बिकवाली शुरू कर दी है। इस महीने अब तक (शुक्रवार तक) एफपीआई ने कैश सेगमेंट में ₹13,730 करोड़ मूल्य के भारतीय शेयर बेच डाले हैं, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर ट्रंप टैरिफ के प्रभाव को लेकर बढ़ती अनिश्चितता को दर्शाता है। इससे भी बाजार में गिरावट बढ़ी है।
क्या कहते हैं मार्केट एक्सपर्ट?
शेयर मार्केट एक्सपर्ट सिद्धार्थ कुंआवाला ने कहा कि मार्केट की स्थिति को सुधरने में वक्त लगेगा क्योंकि टैरिफ के बादल भारतीय बाजारों पर छाए हुए हैं। अगर निवेशक लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टमेंट करना चाहते है तो यह इनवेस्टमेन्ट का सही समय। ट्रंप टैरिफ का सबसे ज्यादा असर ऑटो सेक्टर पर देखने को मिल सकता है। मार्केट एक्सपर्ट, अयोध्या प्रसाद शुक्ला ने कहा कि भारतीय बाजार को सेटल होने के लिए 2 से तीन महीने का वक्त लग सकता है। अमेरिका के टैरिफ का सभी सेक्टर पर असर देखने को मिलेगा।