Unemployment Rate:– देश में पहली बार मंथली बेसिस पर कैलकुलेट की गई बेरोजगारी दर अप्रैल, 2025 में 5.1 प्रतिशत रही। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने वास्तविक समय में देश में नौकरियों के लिए पात्र लोगों में बेरोजगार लोगों के अनुपात की निगरानी की कोशिशों के तहत पहला मासिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLSF) जारी किया। इसके पहले तक लेबर फोर्स सर्वे तिमाही और सालाना आधार पर ही जारी किया जाता था।
महिलाओं ने मारी बाजी, पुरुषों से बेहतर प्रदर्शन
अप्रैल में महिलाओं की बेरोजगारी दर 5 प्रतिशत रही, जो पुरुषों की 5.2 प्रतिशत बेरोजगारी दर से थोड़ी कम है। 15 से 29 वर्ष की आयु वर्ग में बेरोजगारी दर काफी अधिक देखी गई, जो 13.8 प्रतिशत रही। इसमें शहरी क्षेत्रों में 17.2 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 12.3 प्रतिशत बेरोजगारी दर्ज हुई।
युवा वर्ग में महिलाओं की बेरोजगारी दर 14.4 प्रतिशत रही, जबकि शहरी युवतियों में यह 23.7 प्रतिशत तक पहुंच गई। वहीं, गांव की महिलाओं की बेरोजगारी दर 10.7 प्रतिशत रही। इसी उम्र के पुरुषों में यह दर 13.6 प्रतिशत रही, जिसमें शहरों में 15 प्रतिशत और गांवों में 13 प्रतिशत दर्ज हुआ।
कामगारों की सक्रियता में सुधार, रोजगार के लिए उम्मीदें
श्रम बल भागीदारी दर और श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) के आंकड़ों से पता चलता है कि देश में काम करने या रोजगार की तलाश में सक्रिय लोगों की संख्या अच्छी है। अप्रैल 2025 में कुल श्रमिक जनसंख्या अनुपात 52.8 प्रतिशत रहा, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 55.4 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 47.4 प्रतिशत दर्ज किया गया।
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सर्वेक्षण का विस्तार और निष्पादन
इस सर्वेक्षण के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कुल 7,511 प्रथम चरण नमूनाकरण इकाइयों का सर्वेक्षण किया गया। कुल 89,434 परिवारों और 3,80,838 व्यक्तियों से डेटा एकत्रित किया गया, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के 49,323 परिवार और शहरी क्षेत्रों के 40,111 परिवार शामिल थे।
सरकार ने इस सर्वेक्षण पद्धति में सुधार कर मासिक स्तर पर श्रम बाजार के रुझानों की बेहतर निगरानी की योजना बनाई है, जिससे रोजगार के क्षेत्र में तेजी से बदलावों का आकलन किया जा सकेगा और नीतिगत फैसलों में मदद मिलेगी।