Income Tax Return (ITR) :- टैक्स डिपार्टमेंट ने पहले ही विभिन्न टैक्स फॉर्म अधिसूचित कर दिए हैं, जिनमें आईटीआर-1, आईटीआर-2, आईटीआर-3, आईटीआर-4, आईटीआर-5, आईटीआर-6 और आईटीआर-7 शामिल हैं। इस बीच कर विभाग करदाताओं को रिटर्न फाइल करने की विभिन्न बारीकियों से अवगत कराने के लिए एक जागरूकता अभियान भी चला रहा है। ‘लेट्स लर्न टैक्स’ के हालिया पोस्ट में आयकर विभाग ने इन सवालों के जवाब दिए – रिटर्न किसे दाखिल करना चाहिए, रिटर्न क्यों दाखिल करना चाहिए, कब दाखिल करना चाहिए और कैसे दाखिल करना चाहिए।
आईटीआर-1 (सहज)
यह एक निवासी व्यक्ति द्वारा दाखिल किया जा सकता है, जिसकी वित्त वर्ष के दौरान कुल आय ₹50 लाख से अधिक नहीं हो। इसमें व्यक्ति की इनकम सैलरी, हाउस प्रोपर्टी, फैमिली पेंशन इनकम, एग्रीकल्चर इनकम (₹5,000 तक) और अन्य स्रोतों से हो सकती है, जिसमें बचत खातों से ब्याज, बैंक या पोस्ट ऑफिस या को-ऑपरेटिव सोसाइटीज में डिपॉजिट्स से ब्याज, इनकम टैक्स रिफंड से ब्याज, बढ़ी हुई क्षतिपूर्ति पर प्राप्त ब्याज, कोई अन्य ब्याज आय और फैमिली पेंशन शामिल हैं। आईटीआर-1 उस व्यक्ति द्वारा भी दाखिल किया जा सकता है, जिसकी पति/पत्नी (पुर्तगाली नागरिक संहिता के तहत आने वालों को छोड़कर) या नाबालिग की आय को क्लब किया गया है (केवल तभी जब आय का स्रोत ऊपर उल्लिखित निर्दिष्ट सीमा के भीतर हो)।
20 हजार से कम में घर लाएं 43 इंच का 4K Smart TV, इस SALE में मिल रहा छप्परफाड़ डिस्काउंट –
आईटीआर-4 (सुगम)
आईटीआर-4 एक निवासी व्यक्ति द्वारा दाखिल किया जा सकता है, जिसकी वित्त वर्ष के दौरान आय ₹50 लाख से अधिक नहीं हो। साथ ही उस व्यक्ति की व्यवसाय/पेशे से आय हो, जिसकी गणना धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत अनुमानित आधार पर की जाती है। यह रिटर्न उस व्यक्ति द्वारा भी दाखिल किया जाता है, जिसकी आय वेतन/पेंशन, हाउस प्रोपर्टी, एग्रीकल्चर इनकम (₹5,000 तक) और अन्य स्रोतों से होती है, जिसमें बचत खाते से ब्याज, जमा से ब्याज, आयकर रिफंड से ब्याज, फैमिली पेंशन, बढ़ी हुई क्षतिपूर्ति पर प्राप्त ब्याज और कोई अन्य ब्याज आय शामिल है।
लेकिन आईटीआर-4 उस व्यक्ति द्वारा दाखिल नहीं किया जा सकता है, जो निवासी लेकिन साधारण निवासी नहीं (RNOR), या अनिवासी भारतीय है, जिसकी कुल आय ₹50 लाख से अधिक है। जिसकी एग्रीकल्चर इनकम ₹5,000 से अधिक हो, जो किसी कंपनी में डायरेक्टर हो और जिसके पास एक से अधिक हाउस प्रोपर्टी से इनकम हो।