MP News:- मध्य प्रदेश में प्रमोशन में आरक्षण मामले पर आज एक बार फिर जबलपुर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई, इस दौरान राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में वर्गवार आंकड़े पेश किए, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में विस्तृत जवाब मांगा है , मामले की अगली सुनवाई 9 सितम्बर को निर्धारित की गई है।
हाई कोर्ट से राज्य सरकार को नोटिस जारी किया
हाई कोर्ट ने सरकार के वकील से कहा कि आबादी और सरकारी नौकरी में प्रतिनिधित्व पर तुलनात्मक स्थिति बताई जाए, अदालत ने ये भी कहा कि नई पॉलिसी में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन हुआ या नहीं इसे भी सरकार बताये।
पूर्व एडिशनल अटॉर्नी जनरल सीएस वैद्यनाथन और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता करेंगे पैरवी
राज्य सरकार ने 2 वरिष्ठ वकीलों से पैरवी करवाने के लिए समय मांगा, अगली सुनवाई में पूर्व एडिशनल अटॉर्नी जनरल सीएस वैद्यनाथन और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से पैरवी करेंगे, हाई कोर्ट अब 9 सितंबर को इस मामले की अगली सुनवाई करेगी।
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17 जून को कैबिनेट ने दी थी मंजूरी
नए पदोन्नति नियमों को मोहन यादव कैबिनेट ने 17 जून को मंजूरी दी थी और इसके बाद सरकार ने 19 जून 2025 को नए नियम बनाकर अधिसूचना जारी कर उसे लागू कर दिया है। लेकिन न तो सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका वापस ली और न ही पुराने नियम से पदोन्नत हुए कर्मचारियों को पदावनत किया।
इसी कारण जब इन नियमों के विरोध में हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई तो कोर्ट ने नए और पुराने नियम के अंतर को स्पष्ट करने के साथ इस बात पर सरकार से जवाब मांग लिया कि सरकार की ओर से दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस क्यों नहीं ली गई। जब नियम तैयार हो रहे थे, तब भी यह विषय उठा था लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। ऐसे में प्रदेश में प्रमोशन में आरक्षण पर रोक लगा दी।