पितृ पक्ष में करें इन मंत्रों का जाप, मिलेगा पितरों का आशीर्वाद

By betultalk.com

Published on:

Follow Us

Pitru Paksha Mantra Jaap :- पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान लोग अपने पितरों का श्राद्ध करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पितृ पक्ष में कुछ खास मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है। कहते हैं इन मंत्रों के जाप से पितृ तो प्रसन्न होते ही हैं साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है।

पितृ पक्ष मंत्र

  • पितृ तर्पण मंत्र – ॐ पितृभ्यः स्वधा नमः। 
  • पितृ शांति मंत्र – ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ 
  • श्राद्ध मंत्र – ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।
  • पितृ दोष निवारण मंत्र – ॐ सर्व पितृ देवताभ्यो नमः 
  • गायत्री पितृ दोष निवारण मंत्र – ॐ देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नमः स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नमः

पितृ स्तोत्र

  • अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् ।
  • नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम्।।
  • इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा ।
  • सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान् ।।
  • मन्वादीनां च नेतार: सूर्याचन्दमसोस्तथा ।
  • तान् नमस्यामहं सर्वान् पितृनप्युदधावपि ।।
  • नक्षत्राणां ग्रहाणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा ।
  • द्यावापृथिवोव्योश्च तथा नमस्यामि कृताञ्जलि:।।
  • देवर्षीणां जनितृंश्च सर्वलोकनमस्कृतान् ।
  • अक्षय्यस्य सदा दातृन् नमस्येहं कृताञ्जलि: ।।
  • प्रजापते: कश्पाय सोमाय वरुणाय च ।
  • योगेश्वरेभ्यश्च सदा नमस्यामि कृताञ्जलि: ।।
  • नमो गणेभ्य: सप्तभ्यस्तथा लोकेषु सप्तसु ।
  • स्वयम्भुवे नमस्यामि ब्रह्मणे योगचक्षुषे ।।
  • सोमाधारान् पितृगणान् योगमूर्तिधरांस्तथा ।
  • नमस्यामि तथा सोमं पितरं जगतामहम् ।।
  • अग्रिरूपांस्तथैवान्यान् नमस्यामि पितृनहम् ।
  • अग्रीषोममयं विश्वं यत एतदशेषत: ।।
  • ये तु तेजसि ये चैते सोमसूर्याग्रिमूर्तय:।
  • जगत्स्वरूपिणश्चैव तथा ब्रह्मस्वरूपिण: ।।
  • तेभ्योखिलेभ्यो योगिभ्य: पितृभ्यो यतामनस:।
  • नमो नमो नमस्तेस्तु प्रसीदन्तु स्वधाभुज ।।

Read Also:- Pitru Dosh: क्यों और कैसे लगता है पितृ दोष? जानिए इसके लक्षण और निवारण-

पितृ पक्ष मंत्र जाप विधि

  • मंत्र जाप के लिए सूर्योदय से पहले स्नान करें और पूजा स्थल को शुद्ध करें।
  • मंत्र जाप के लिए कुशा या ऊन के आसन का प्रयोग करें।
  • मंदिर में घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं।
  • फिर अपने पितरों का स्मरण करें।
  • फिर किसी भी मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • इसके बाद तिल और जल से तर्पण करें।
  • इन मंत्रों का जाप आप पितृ पक्ष के हर दिन या कुछ विशेष तिथियों में कर सकते हैं। 

Leave a Comment