पवित्र नगरी में वर्ष 1904 से प्रारंभ रामलीला में काम कर चुकी हैं कई पीढ़ियां

By betultalk.com

Published on:

Follow Us
                                           शरद पूर्णिमा से रामलीला प्रारंभ, 3 वर्षीय वसु पौनीकर बने बाल राम

Betul News/मुलताई । पवित्र नगरी में शरद पूर्णिमा के पावन पर्व से ऐतिहासिक रामलीला का श्री गणेश हुआ है। वर्ष 1904 से प्रारंभ रामलीला सतत स्थानीय कलाकारों द्वारा की जा रही है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। रामलीला में कई पीढ़ियों ने काम किया है तथा यह परम्परा सतत जारी है। सोमवार रात श्री राम जन्म एवं ताड़का वध के साथ श्री राम लीला का शुभारंभ हुआ। शरद पूर्णिमा से आरंभ हुई श्री राम लीला देखने गांधी चौक में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। श्री राम लीला मंडली के वरिष्ठ कलाकार बालकिशन चंदेल निर्मल मिश्रा विष्णु अग्रवाल एवं निक्की मिश्रा ने बताया कि नगर में प्रतिवर्ष दशहरा पर्व के बाद श्री राम लीला का मंचन किया जाता है। सन् 1904 से निरंतर संचालित श्री राम लीला देखने नगर सहित अन्य गांवों से भी लोग आते हैं। मंचन में सबसे पहले भगवान श्री राम के जन्म की कथा दिखाई गई। तीन साल के नन्हे बालक वसु पौनीकर ने भगवान राम के बाल स्वरूप की भूमिका निभाई।

Betul Samachar News- इंदिरा गांधी वार्ड में स्थापित होंगी पांच संत महापुरुषों की प्रतिमाएं

व्यास पीठ सूत्रधार बंटी मिश्रा ने बताया कि वसु पौनीकर श्री राम की भूमिका निभाने वाले राम लीला मंडली के सबसे कम उम्र के कलाकार हैं। वसु पौनीकर द्वारा सोलह माह की उम्र से ही श्री राम की भूमिका निभाई जा रही है। वरिष्ठ कलाकार निर्मल मिश्रा ने बताया कि राहुल शर्मा श्री राम ,अमृत शर्मा लक्ष्मण,चेतन मिश्रा भरत एवं सांई चंदेल शत्रुघ्न की भूमिका निभा रहे हैं। प्रतिदिन रात्रि आठ बजे से राम लीला का मंचन किया जाएगा। अधिवक्ता जी जी घोड़े ने राजा दशरथ की भूमिका निभाई इस साल डहुआ के कलाकरों द्वारा भी राम लीला में विभिन्न पात्रों की भूमिका निभाई जा रही है।

Leave a Comment