मुलताई हत्याकांड में तीन दोषी करार, दो को आजीवन कारावास – एक को सात साल की सजा
Crime News/मुलताई। जिला न्यायालय मुलताई ने पांच साल पुराने चर्चित हत्या कांड में शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए दो आरोपियों को आजीवन कारावास और एक आरोपी को सात साल की सजा सुनाई है। यह निर्णय पुलिस की त्वरित कार्रवाई, पुख्ता साक्ष्य संकलन और अभियोजन की प्रभावी पैरवी के बाद संभव हो सका।
घटना का विवरण
प्रकरण 29 अक्टूबर 2020 का है। फरियादी निकलेश देशमुख ने थाना मुलताई में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके पिता आनंदराव देशमुख 28 अक्टूबर को खेत गए थे लेकिन वापस नहीं लौटे। पुलिस ने मामले को गुमशुदगी के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की।
जांच के दौरान संदेही प्रमोद मगरदे को पुलिस ने हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने सनसनीखेज खुलासा किया कि उसने अपने पिता भीमराव मगरदे और भाई दिलीप मगरदे के साथ मिलकर पुराने विवाद और बदले की भावना से आनंदराव देशमुख की हत्या की थी।
आरोपियों ने मृतक को अपने घर बुलाकर पहले रस्सी से बांधा और गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव को प्लास्टिक की बोरी में भरकर बैलगाड़ी से ग्राम पीपलपानी के खेत के कुएं में पत्थरों के साथ फेंक दिया गया।
पुलिस जांच और साक्ष्य संकलन
हत्या का खुलासा होने के बाद पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कराया। प्रभारी सीन ऑफ क्राइम निरीक्षक आबिद अंसारी ने मौके से वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए। थाना प्रभारी मुलताई निरीक्षक देवकरण डेहरिया और विवेचना अधिकारी उत्तम नंदन मस्तकार सहित पुलिस टीम ने पूरी मेहनत से सबूत इकट्ठे कर चालान पेश किया।
Read Also: विराजित मां शारदा की प्रतिमा बनी श्रद्धा का केंद्रनूतन शारदा महिला मंडल द्वारा भव्य आयोजन
न्यायालय का फैसला
मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे चिन्हित प्रकरण के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। शुक्रवार 09 अक्टूबर 2025 को न्यायालय, मुलताई ने विचारण उपरांत फैसला सुनाते हुए दोषियों को निम्न सजा सुनाई:
प्रमोद पिता भीमराव मगरदे, निवासी सिरडी – आजीवन कारावास
भीमराव पिता गंदाजी मगरदे, निवासी सिरडी – आजीवन कारावास
दिलीप पिता भीमराव मगरदे, निवासी सिरडी – सात वर्ष का कारावास।
इस प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक संचालक अभियोजन सत्यप्रकाश वर्मा के मार्गदर्शन में एडीपीओ मालिनी देशराज ने प्रभावी पैरवी की। पुलिस की ओर से थाना मुलताई प्रभारी निरीक्षक देवकरण डेहरिया, सीन ऑफ क्राइम प्रभारी निरीक्षक आबिद अंसारी, विवेचना अधिकारी उत्तम नंदन मस्तकार, उपनिरीक्षक बसंत आहके, प्रधान आरक्षक सोनू ठाकुर, आरक्षक नरेंद्र कुशवाह और आरक्षक विवेक पवार की सराहनीय भूमिका रही।