मेले में पर्याप्त शौचालय नही होने से महिलाओं को समस्या, एक चलित शौचालय के भरोसे मेला
Betul News Today/मुलताई। ताप्ती मेला प्रारंभ होने के 15 दिनों के बाद भी मेले में मूलभूत व्यवस्थाओं का अभाव साफ नजर आ रहा है जिससे व्यापारियों को परेशानी हो रही है। बताया जा रहा है कि मेले में सिर्फ होटल तरफ एक लाईन में सौर उर्जा के लाईट लगाए गए हैं लेकिन बाकि पूरे मेले में कहीं स्ट्रीट लाईट नही लगे हैं। ऐसी स्थिति में रात में मेले में अंधेरा छाया रहता है तथा दुकानें तथा झूले बंद होने के बाद सभी तरफ अंधेरा ही अंधेरा नजर आता है जिससे कोई भी घटना घट सकती है। मेलें के व्यापारी राहुल भावसार, सौरभ कड़वे सहित अन्य लोगों ने बताया कि मेला प्रारंभ हुए 15 दिन हो चुके हैं लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि नगर पालिका द्वारा अभी तक मूलभूत व्यवस्थाएं भी नहीं बनाई गई है जिससे मेले में आने वाले व्यापारी परेशान हो रहे हैं व्यापारियों के अनुसार बार बार स्ट्रीट लाईट की मांग के बावजूद मंगलवार तक स्ट्रीट लाईट नहीं लगाए गए थे इसलिए व्यापारियों द्वारा तत्काल स्ट्रीट लाईट लगाने की मांग की गई है।
एक चलित शौचालय के भरोसे पूरा मेला
मेले में मूलभूत व्यवस्थाओं के लिए व्यापारी परेशान हो रहे हैं जिसमें मुख्य समस्या शौचालय की भी है। नगर पालिका द्वारा मात्र एक चलित शौचालय बोरदेही मार्ग की तरफ खड़ा किया गया है जो सामान्यतः नजर नहीं आता। मेले में व्यापारियों को शौच के लिए परेशानी उठाना पड़ रहा है जिसमें प्रमुख रूप से महिला व्यापारियों को भारी समस्या हो रही है। व्यापारियों के द्वारा मेला स्थल के आसपास अस्थाई शौचालय निर्माण की मांग की जा रही है। इसके साथ ही और अधिक चलित शौचालय रखने की भी मांग महिला व्यापारियों द्वारा की जा रही है ताकि दुकानों से थोड़ी दूरी पर ही शौच के लिए जाया जा सके।
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मौसम के दृष्टिगत मेले में बजरी डालना आवश्यक
फिलहाल एक दो दिनों से आसमान में बादलों का डेरा बना हुआ है जिससे कभी भी बारिश की संभावना बनी हुई है। मेले में हल्की बारिश से ही कीचड़ की स्थिति निर्मित हो सकती है जिसके लिए नगर पालिका से मार्गों पर बजरी बिछाने की मांग व्यापारियों द्वारा की जा रही है। सौरभ कड़वे सहित अन्य व्यापारियों ने बताया कि मेला अवधि के दौरान यदि बारिश हो जाए तो सभी जगह कीचड़ ही कीचड़ हो सकता है। उन्होने बताया कि कीचड़ होने से मेले में व्यवस्थाएं प्रभावित हो सकती है जिसके लिए मेला मार्गों पर बजरी डालना आवश्यक है ताकि बारिश से मेला प्रभावित ना हो सके।
रात 10 बजे मेला बंद करने पर आपत्ति
व्यापारियों ने बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा मेला रात 10 बजे बंद कर दिया जाता है जबकि मेले में 11 बजे के बाद तक भीड़ रहती है। व्यापारियों के अनुसार रात में 7 बजे से 11 बजे के बीच स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मेलास्थल पहुंचते हैं तथा मनोरंजन सहित अन्य सामानों की खरीदी करते हैं। ऐसे समय जब मेला बंद कराया जाता है उस समय ग्राहकी अपने चरम पर रहती है। व्यापारियों द्वारा पुलिस प्रशासन से मेला बंद करने की अवधि बढ़ाने की मांग की गई है ताकि व्यापारी आराम से व्यापार कर सकें। व्यापारियों के अनुसार मेला बंद करने का समय रात 10 बजे के बाद होना चाहिए।

मेले में मवेशियों का जमावड़ा
मेला स्थल पर मवेशियों का भी जमावड़ा नजर आ रहा है जिससे लोगों को परेशानी उठाना पड़ रहा है। मेले में जगह जगह मवेशियों के झुंड नजर आ रहे हैं जिन्हे मेले से बाहर करने के लिए नगर पालिका द्वारा ठोस कार्रवाई नही की जा रही है। व्यापारियों ने बताया कि मेले में मवेशियों की लड़ाई से भी प्रभाव पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि नगर में जहां मवेशियों सहित सांडों का खौफ बना हुआ है वहीं मेले में भी अब यह खौफ बढ़ता जा रहा है जिसके लिए नगर पालिका से मवेशियों को मेले से बाहर करने की मांग की गई है।

