Betul Daily News/मुलताई। मुलताई से गोनापुर महाराष्ट्र बॉर्डर तक राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-347 ए के चौड़ीकरण हेतु किए जा रहे भूमि अधिग्रहण को लेकर प्रभातपटन तहसील के किसानों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। किसानों ने इस संबंध में राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा 48 के तहत मुलताई एसडीएम एवं सक्षम प्राधिकारी के न्यायालय में आपत्ति पत्र दाखिल किया है। आपत्ति पत्र में किसानों ने उल्लेख किया है कि भूमि अधिग्रहण के दौरान भूमि की उर्वरता, सिंचाई सुविधा, वृक्षों की संख्या एवं स्थायी संरचनाओं को ध्यान में रखकर मुआवजे का विधिवत निर्धारण नहीं किया गया है। इससे प्रभावित किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होने की आशंका है। किसानों ने सक्षम प्राधिकारी से मांग की है कि अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा पुनः निर्धारित किया जाए तथा सभी प्रभावित किसानों को नियमों के अनुरूप उचित व न्यायसंगत मुआवजा प्रदान किया जाए। किसानों ने स्पष्ट किया है कि जब तक मुआवजे का विधिवत निर्धारण नहीं किया जाता, तब तक वे अपनी भूमि देने के लिए तैयार नहीं हैं।
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आवेदन में यह भी मांग की गई है कि भूमि अधिग्रहण के बदले किसानों को चार गुना मुआवजा राशि प्रदान की जाए, ताकि उनकी आजीविका और भविष्य सुरक्षित रह सके। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया, तो क्षेत्र में आंदोलन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।किसान सोनू, अजय एवं मनोहर ने आपत्ति पत्र में बताया कि प्रभातपटन तहसील के ग्राम प्रभातपटन में एनएच-347 ए के दो लेन विद पेव्ड शोल्डर निर्माण के लिए निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इस अधिग्रहण का अधिनिर्णय 23 सितंबर 2025 को पारित हुआ था। किसानों का आरोप है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया असमान और अन्यायपूर्ण है। अधिग्रहण में काश्तकारों एवं भूमि धारकों की जमीन अलग-अलग मात्रा में ली गई है, जिससे कहीं कम तो कहीं अत्यधिक भूमि अधिग्रहित हुई है, जो नियमों के विपरीत है।

