MP News: हाईकोर्ट ने खारिज की हिंदू लड़की और मुस्लिम युवक की याचिका, बिना धर्म बदले शादी अवैध होगी हैं

By betultalk.com

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MP News: हाईकोर्ट ने खारिज की हिंदू लड़की और मुस्लिम युवक की याचिका, बिना धर्म बदले शादी अवैध होगी हैंमुस्लिम युवक और हिंदू युवती एक दूसरे से शादी कर सकते हैं, बशर्ते उन्हें अपना धर्म बदलना पड़े। यानी बिना धर्म बदले शादी अवैध होगी। यह शादी मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत नहीं है। क्योंकि शादी के बाद पैदा होने वाले बच्चों को संपत्ति का अधिकार नहीं मिलेगा।’ यह कहते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक हिंदू लड़की और एक मुस्लिम लड़के की याचिका खारिज कर दी, जिसमें दोनों ने शादी करने की इजाजत मांगी थी। गुरुवार को जस्टिस जीएस अहलूवालिया की कोर्ट ने यह आदेश दिया। 25 मई को मामले की सुनवाई हुई। इसके बाद 27 मई को आदेश ऑनलाइन अपलोड कर दिया गया। दरअसल, अनूपपुर में रहने वाला 29 वर्षीय मुस्लिम युवक और 25 वर्षीय हिंदू युवती एक दूसरे से प्यार करते हैं। दोनों शादी भी करना चाहते हैं। शर्त यह है कि शादी के बाद दोनों एक दूसरे का धर्म नहीं छोड़ना चाहते। यानी अपने-अपने धर्म का पालन करेंगे। उनके परिवार भी शादी के लिए तैयार नहीं हैं। कलेक्टर ने खारिज कर दिया था आवेदन सबसे पहले 25 अप्रैल 2024 को अनूपपुर कलेक्टर कार्यालय में आवेदन दिया था। इसमें उन्होंने पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए विवाह की अनुमति मांगी थी। कलेक्टर ने सुरक्षा देने से इनकार कर दिया। साथ ही विवाह को मंजूरी भी नहीं दी। 27 अप्रैल 2024 को उन्होंने विवाह की अनुमति के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

कोर्ट में दलील- स्पेशल मैरिज एक्ट में संभव

लड़के और लड़की की ओर से दिनेश कुमार उपाध्याय ने हाईकोर्ट में दलील दी। कोर्ट में दलील दी गई कि भारतीय कानून में स्पेशल मैरिज एक्ट में ऐसा विवाह संभव है। वकील ने कोर्ट से कहा कि जोड़े को पुलिस सुरक्षा दी जानी चाहिए, ताकि वे स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत विवाह को पंजीकृत करा सकें।

वहीं, सरकारी वकील केएस बघेल ने दलील दी कि मुस्लिम पर्सनल लॉ मुस्लिम लड़के को मूर्तिपूजक हिंदू लड़की से विवाह करने की अनुमति नहीं देता। जब तक लड़की अपना धर्म छोड़कर इस्लाम नहीं अपना लेती, तब तक मुस्लिम मैरिज एक्ट के तहत विवाह पंजीकृत नहीं हो सकता।

कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप को अनुमति दी

सुनवाई के अंत में कोर्ट ने कहा कि लड़का-लड़की लिव-इन रिलेशनशिप में रह सकते हैं, लेकिन धर्म बदले बिना विवाह करना मुस्लिम पर्सनल लॉ के खिलाफ है, इसलिए ऐसा विवाह वैध नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में वह विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह को पंजीकृत कराने की मांग में हस्तक्षेप नहीं करेगा।

लड़की के पिता ने किया था विरोध

सुनवाई के दौरान लड़की के पिता भी कोर्ट में मौजूद थे। उन्होंने भी शादी का विरोध किया। उन्हें डर था कि अगर अंतरजातीय विवाह हुआ तो समाज में उनका बहिष्कार हो जाएगा।

कुछ दिन पहले दोनों शादी करने के लिए घर से भाग गए थे। लड़की के पिता का दावा है कि इस दौरान लड़की घर से सोने-चांदी के जेवर और नकदी लेकर गई थी।

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