महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग के जंगल में 29 जुलाई को जंजीर के जरिए पेड़ से बंधी मिली अमेरिकी महिला इलाज के चार दिन बाद भी बोल नहीं पा रही है। वह सदमे में है और मानसिक रूप से बीमार भी है। उसने बुधवार को लिखित में बयान दिया है, जिसमें उसने बताया है कि वह 40 दिन से जंगल में बिना कुछ खाने और पानी के बंधी थीं।
अपने बयान में उसने कहा है कि उसके पूर्व पति ने उसे एक इंजेक्शन लगाया है। इससे उसके जबड़े और मांसपेशियां अकड़ गईं। वह हाथ से कुछ भी करने के लायक नहीं रह गई है, जिसके बाद उसे पेड़ से बांध दिया और वहां मरने के लिए छोड़ दिया। वह 40 दिन से जंगल में बिना कुछ खाने और पानी के बंधी थीं।
सोनर्ली के जंगल में महिला के पैर बंधे हुए थे। हाथ खुले थे। वह इतनी कमजोर थी कि जंजीर को खोल नहीं सकी। उसके शरीर पर चोट के कई निशान भी थे। पारदर्शी रेनकोट, हरे रंग की शर्ट और घिसी हुई भूरे रंग की पतलून पहनी थी। पुलिस ने पूर्व पति के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस बोली- तमिलनाडु में 10 साल से रह रही थी, वीजा खत्म हुआ
पुलिस ने बताया कि महिला का नाम ललिता काई है। उसके पास से तमिलनाडु के पते का आधार कार्ड और अमेरिकी पासपोर्ट की फोटोकॉपी भी मिली। अधिकारियों ने बताया कि एक चरवाहे ने महिला के रोने की आवाज सुनी थी।
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जंगल में ढूंढने पर उसने महिला को पेड़ से बंधा पाया और पुलिस को सूचना दी थी। अधिकारियों के मुताबिक, महिला पिछले 10 साल से तमिलनाडु में अपने पति के साथ रह रही थी। उसका वीजा भी खत्म हो चुका है।
परिजनों की तलाश में पुलिस तमिलनाडु रवाना
पुलिस ने बताया कि हम उसकी नागरिकता का पता लगाने के लिए सभी दस्तावेजों का वैरिफिकेशन कर रहे हैं। इसके लिए फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस से भी संपर्क किया गया है।
उसके परिजनों की तलाश और जांच के लिए पुलिस की टीमें तमिलनाडु और गोवा सहित कुछ अन्य जगहों पर भेजी गई हैं।
सिंधुदुर्ग के एसपी सौरभ अग्रवाल ने कहा कि हम महिला के पास से बरामद सभी डॉक्यूमेंट्स की जांच कर रहे हैं। उनके वैरिफिकेशन और महिला के बयान के बाद ही हम किसी नतीजे पर पहुंच पाएंगे।
हालांकि, महिला बयान देने की स्थिति में नहीं है। वो काफी कमजोर है। उसने कई दिनों से कुछ नहीं खाया है। अभी यह पता नहीं चला है कि वह पेड़ से कब से बंधी थी।
2 अस्पताल बदलकर गोवा मेडिकल कॉलेज में कराया गया भर्ती
महिला को पहले पास ही सावंतवाड़ी में और फिर सिंधुदुर्ग के ओरोस अस्पताल ले जाया गया। वहां उसकी मानसिक और स्वास्थ्य स्थिति को देखकर उसे गोवा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया।
उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि महिला खतरे से बाहर है। वह मानसिक समस्याओं से जूझ रही है। उसके पास से मेडिकल प्रिस्क्रिप्श्न्स (दवाई का पर्चा) भी मिले हैं।