Betul Ki Khabar / भौरा :- नगर के पास निर्माणाधीन फोरलेन बायपास पर शनिवार को एक दुर्घटना होते-होते बची। एक भारी ट्रक, जिसमें बड़ा लोहे का पाइप लदा हुआ था, बैतूल से भोपाल की ओर जा रहा था। जब ट्रक नगर के बाहरी बायपास रोड पर पहुंचा, तो उसका ऊपरी हिस्सा भौरा-बिजादेही पुल से टकराने की स्थिति में आ गया। पुल की ऊंचाई लगभग 15 फीट होने के कारण ड्राइवर को मजबूरन ट्रक को पिचिंग वाले मार्ग से निकालना पड़ा, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
पुल की ऊंचाई पर सवाल
फोरलेन बायपास का निर्माण अभी पूर्ण नहीं हुआ है, लेकिन पुल की ऊंचाई और सड़क की खुदाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस दुर्घटना के बाद यह चिंता और बढ़ गई है कि जब सड़क पर फाइनल डामर की परत बिछाई जाएगी, तो सड़क की ऊंचाई और बढ़ जाएगी, जिससे ऊंचे वाहनों के लिए और ज्यादा दिक्कतें पैदा हो सकती हैं।
निर्माण मानकों की अनदेखी?
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, चारलेन सड़कों पर पुलों की न्यूनतम ऊंचाई 5.5 मीटर, 18 फीट होनी चाहिए, ताकि बड़े और ऊंचे वाहनों का सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया जा सके। लेकिन भौरा-बिजादेही पुल की ऊंचाई केवल 15 फीट रखी गई है, जो कि मानकों का उल्लंघन प्रतीत होता है।
स्थानीय निवासी दिलीप माधव, गब्बर साहू, महादेव मसकोले, अनिल उईके, रमेश बामने और वाहन चालकों का कहना है कि इस पुल की ऊंचाई के कारण भविष्य में और भी गंभीर हादसे हो सकते हैं। कुछ चालकों ने आशंका जताई है कि सड़क की अंतिम परत चढ़ने के बाद ट्रक और अन्य भारी वाहनों के लिए इस मार्ग पर गुजरना और चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
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ठेकेदार की लापरवाही?
पुल निर्माण के ठेकेदार पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि ठेकेदार ने निर्माण मानकों का पालन नहीं किया। पुल की ऊंचाई से जुड़ी कई शिकायतें पहले भी की गई थीं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
स्थानीय निवासियों ने एनएचएआई के अधिकारियों से आग्रह किया है कि पुल की ऊंचाई को नियमों के अनुरूप ठीक किया जाए, ताकि भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सके। अगर समय रहते पुल की ऊंचाई में सुधार नहीं किया गया, तो इस क्षेत्र में बड़ी दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहेगी।