Betul News : हमें खाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता था। यहां भोजनशाला में 5 रुपए में खाना मिलता है। लेकिन कभी मिलता है तो कभी नहीं। इसका मतलब है कि टोकन नहीं मिलते। ऐसे में हमें भूखे रहना पड़ता था। लेकिन पिछले तीन दिनों से मुझे यहां पर्याप्त खाना मिल रहा है। यह गाड़ी 7 बजे आती है। मात्र 10 रुपए में दाल, चावल, रोटी, सब्जी मिलती है। मिठाई। शुद्ध और स्वच्छ पानी। यह बहुत अच्छी व्यवस्था है।
रवि इवने दूरदराज के गांव से हैं और पिछले पांच दिनों से जिला अस्पताल में अपने रिश्तेदार के साथ इलाज करा रहे हैं। उनके मरीज को अस्पताल में खाना मिलता है। लेकिन उन्हें खाने के लिए अकेले ही जाना पड़ता था। उन्हें भोजनशाला से टोकन लेकर दो दिन खाना पड़ता था। लेकिन पिछले तीन दिनों से उन्हें जिला अस्पताल के गेट पर पर्याप्त खाना मिल रहा है।
शाम होते ही 7 बजे एक गाड़ी आकर जिला अस्पताल के गेट पर रुकती है। उसमें से उतरने वाले लोग यहां टेबल लगा लेते हैं। थालियां सजाओ और लोगों को खाना देना शुरू करो। बदले में लोगों को 10 रुपए देने पड़ते हैं। इससे उन्हें तीन रोटी, सब्जी, दाल, चावल और मिठाई मिलती है। तीन रोटी कम पड़ें तो एक या दो रोटी और मांगकर दे दी जाती है। पीने के लिए साफ पानी की भी व्यवस्था है। लेकिन खाना खड़े होकर या सड़क के किनारे बैठकर खाना पड़ता है। पता नहीं यह सेवा कौन देता है यहां सिर्फ दस रुपए में कौन खाना देता है। कोई नहीं जानता। जिला अस्पताल में अक्सर लोगों की मदद करते नजर आने वाले मनीष दीक्षित बताते हैं कि एक दिन उनके पास फोन आया। दूसरी तरफ से फोन करने वाले ने कहा कि अस्पताल में भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं। आप बस रोजाना वितरण की व्यवस्था कर दो। मनीष कहते हैं कि उन्हें भी नहीं पता कि यह सेवा शुरू करने वाले लोग कौन हैं। वह अपना नाम गुप्त रखना चाहते हैं। भोजनशाला में जो लोग रह गए हैं। यहीं से उन्हें भोजन मिलता है। रोजाना सैकड़ों लोगों को बांटा जाता है भोजन खाद्य सामग्री ले जाने वाले शिव शंकर इंगले बताते हैं कि वह रोजाना यहां सौ लोगों के लिए भोजन लाते हैं। जिसे बैतूल बाजार में महाराज की रसोई में तैयार किया जाता है। जिसमें पेट भर भोजन वितरित किया जाता है। पीने के लिए साफ पानी भी डिब्बों में भरकर लाया जाता है।
ग्रामीणों के लिए बेहतर व्यवस्था
ग्रामीणों और गांव के जरूरतमंदों के लिए यह बहुत ही लाभकारी सेवा है। ग्रामीण क्षेत्रों से आए मरीजों के रिश्तेदार अक्सर भोजन को लेकर परेशान रहते हैं। होटलों और रेस्टोरेंट में महंगा खाना उनके लिए किफायती नहीं होता। ऐसे में यह सेवा उन्हें बेहतर पृष्ठभूमि प्रदान करती है। समाजसेवी भरोसा दिलाते हैं कि वे साल भर यह काम करते रहेंगे।
Read Also : आगामी नवरात्रि पर्व को लेकर शांति समिति की बैठक जनपद पंचायत भैंसदेही की सभा कक्ष में संपन्न हुई