Betul Ki Khabar/आठनेर (मनीष राठौर) :- दिनांक 4 नवंबर 2024 को फरियादी योगराज पिता माखन नरवर, उम्र 27 वर्ष, निवासी अकलवाड़ी मांडवी आठनेर थाने में एक शिकायत दर्ज कराई। फरियादी ने बताया कि उसकी बहन काशीबाई के साथ उसके पति शिव शंकर द्वारा अक्सर झगड़ा और मारपीट की जाती है। फरियादी जब मांडवी पहुंचा और अपनी बहन से बातचीत की, तो उसने बताया कि उसका पति शिव शंकर, जेठ कैलाश और देवर सोनू उर्फ शिवकुमार उसे गाली-गलौज और मानसिक प्रताड़ना देते रहते हैं। फरियादी द्वारा तीनों को समझाने पर उन्होंने फरियादी के साथ भी मारपीट शुरू कर दी।
घटना के दौरान, जब फरियादी योगराज और धर्मेश बसंतीबाई के आंगन में खड़े होकर बातचीत कर रहे थे, तभी सोनू ने अपने घर से थार जीप निकाली और जान से मारने की नीयत से जीप फरियादी की ओर तेजी से चढ़ा दी। फरियादी ने समय रहते खुद को बचा लिया, परंतु जीप की टक्कर से बसंतीबाई और किरणबाई घायल हो गईं। इस घटना में बसंतीबाई को सिर, नाक, और कान में गंभीर चोटें आईं, जबकि किरणबाई के पैर और कमर में भी चोटें आईं।
पुलिस की त्वरित कार्यवाही
फरियादी की रिपोर्ट के आधार पर मांडवी थाने में तीन आरोपियों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 429/24, धारा 296, 115(2), 109, 3(5) BNS के तहत मामला दर्ज किया गया। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी सोनू उर्फ शिवकुमार और शिव शंकर पिता मन्नू बारपेटे को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया। एक अन्य आरोपी फिलहाल फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
पुलिस अधीक्षक श्री निश्चल एन.झारिया के निर्देशन और अनुविभागीय अधिकारी पुलिस भैंसदेही श्री भूपेंद्र सिंह मौर्य के मार्गदर्शन में गठित टीम ने यह कार्रवाई की।
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सराहनीय भूमिका
इस कार्य में थाना प्रभारी बबीता धुर्वे, उप निरीक्षक मांगीलाल ठाकरे, उप निरीक्षक नितिन उईके, सहायक उप निरीक्षक संतोष चौधरी, प्रधान आरक्षक बलराम सरेआम, महिला आरक्षक कंचन और आरक्षक भीम, चंचल तथा विप्लव ने सराहनीय भूमिका निभाई।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश:
पुलिस अधीक्षक श्री निश्चल एन. झारिया ने इस घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए निर्देश दिए हैं कि महिलाओं और परिवार के सदस्यों के साथ होने वाले हिंसात्मक और आपराधिक कृत्यों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों में तत्काल कार्यवाही कर दोषियों को गिरफ्तार कर न्यायिक प्रक्रिया में प्रस्तुत किया जाए तथा पीड़ितों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखें और ऐसे मामलों में पीड़ित परिवारों को पूरा सहयोग और सहायता प्रदान करें।