Akhand Jyoti Niyam:- नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो चुका है और इस दौरान भक्त माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के अनुष्ठान और पूजा-अर्चना करते हैं। इन नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाने का देवी की पूजा में विशेष महत्व है। यह ज्योति घर में सुख, शांति और समृद्धि लाती है। कई लोग अपने घरों में 24 घंटे जलती रहने वाली अखंड ज्योति जलाते हैं, लेकिन कई बार अनजाने में या किसी कारणवश यह ज्योति बुझ जाती है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो घबराएँ नहीं। ऐसे में पूजा का फल प्राप्त करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना ज़रूरी है।
माफी मांगें: सबसे पहले, मां दुर्गा से हाथ जोड़कर अपनी गलती के लिए क्षमा मांगें. मन में यह विचार करें कि यह गलती अनजाने में हुई है और आप अपनी पूजा को पूरी श्रद्धा के साथ जारी रखना चाहते हैं.
तुरंत ज्योत फिर से जलाएं: ज्योत बुझने के बाद तुरंत ही उसे फिर से जलाएं. इसे दोबारा जलाने के लिए माचिस या लाइटर का इस्तेमाल कर सकते हैं. कोशिश करें कि इसके लिए पहले से एक छोटी ज्योत या दीपक जलाकर रखें, ताकि अखंड ज्योत के बुझने पर आप उसे उस छोटी ज्योत से फिर से प्रज्ज्वलित कर सकें. इसे ‘अनुष्ठानिक ज्योत’ भी कहा जाता है.
शुद्ध घी या तेल का उपयोग: ज्योत दोबारा जलाते समय शुद्ध घी या तेल का ही उपयोग करें. जिस सामग्री का आप पहले से इस्तेमाल कर रहे थे, उसी का उपयोग करना उत्तम होता है.
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संकल्प लें: ज्योत को दोबारा जलाने के बाद, मां के सामने खड़े होकर यह संकल्प लें कि आप अपनी पूजा को पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ पूरा करेंगे. आप यह भी कह सकते हैं कि आप अगले 9 दिनों तक ज्योत का विशेष ध्यान रखेंगे ताकि वह दोबारा न बुझे.
ज्योत के पास रहें: ज्योत दोबारा जलाने के बाद कुछ देर तक उसके पास ही बैठें. आप दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं. इससे मन में शांति आती है और पूजा का भाव बना रहता है.
दान करें: ज्योतिषियों के अनुसार, अगर आपकी अखंड ज्योत बुझ जाती है, तो आप किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को कुछ अनाज, घी या पैसे दान कर सकते हैं. इससे पूजा में आई बाधा का दोष कम हो जाता है.
अखंड ज्योत के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें
- दीपक का आकार: अखंड ज्योत के लिए हमेशा एक बड़ा दीपक चुनें, जिसमें पर्याप्त मात्रा में तेल या घी समा सके.
- रुई की बत्ती: बत्ती मोटी और लंबी होनी चाहिए, ताकि वह नौ दिनों तक आसानी से जलती रहे.
- दिशा का ध्यान: अखंड ज्योत को पूजा स्थल में मां दुर्गा की मूर्ति के दाहिनी ओर रखना शुभ माना जाता है.
- हवा से बचाएं: अखंड ज्योत को ऐसी जगह पर रखें, जहां हवा का सीधा प्रवाह न हो. इसके लिए आप दीपक को किसी कांच के कवर या शेल्फ में रख सकते हैं.
- तेल/घी का ध्यान रखें: बीच-बीच में दीपक में तेल या घी डालते रहें. ऐसा करते समय दीपक की लौ को बुझने न दें.
इसलिए नवरात्रि में अखंड ज्योत का विशेष महत्व है, लेकिन अगर यह अनजाने में बुझ भी जाए तो इसे अपशकुन मानकर घबराने की आवश्यकता नहीं है. मां की कृपा और आशीर्वाद से बढ़कर कुछ नहीं है. आपकी भक्ति और सच्ची श्रद्धा ही सबसे महत्वपूर्ण है. इसे तुरंत दोबारा प्रज्वलित करें और मां दुर्गा से क्षमा याचना करें.