केवट ने भगवान के पैर पखार कर नाव से गंगा पार कराई
Betul Daily News/मुलताई। पिता दशरथ की आज्ञा को सिर आंखों पर लेकर श्रीराम, सीता और लक्ष्मण के साथ वन गमन को निकले इस दौरान अयोध्या वासियों ने राम को रोकने का प्रयास किया लेकिन श्रीराम ने सभी को पिता की आज्ञा का वास्ता दिया और निकल पड़े। रास्ते में श्रीराम की निषादराज से भेंट हुई जिन्होने केवट के माध्यम से श्रीराम लक्ष्मण एवं सीता को नाव से गंगा पार कराए। भगवान श्रीराम के दर्शन पाकर केवट भाव विभोर हो गया तथा उन्होने श्रीराम के पांव पखार कर नाव में बिठाया। जब श्रीराम ने केवट को पारश्रमिक के तौर पर कुछ देना चाहा तो केवट ने कहा हे प्रभु मुझे आपसे कुछ भी नही चाहिए क्योंकि आपके पैर मेरे नाव में पड़ते ही मैं धन्य हो गया। उन्होने कहा प्रभु मैने जिस तरह आपको गंगा पार कराया उसी तरह आप मुझे इस भव से पार करा देना यही मेरी इच्छा है। केवट का यह प्रेम देखकर श्रीराम भाव विव्हल हो उठे उन्होंने केवट को गले लगाया। निषादराज की भूमिका रामलीला के वरिष्ठ कलाकार विष्णु अग्रवाल तथा केवल की भूमिका बाल किशन चंदेन ने निभाई। लीला के कुछ प्रसंग अत्यंत मार्मिक रहे जिससे उपस्थित दर्शकों की आंखे नम हो गई।
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