Betul Ki Khabar/ चिचोली :- किसान रवि के सीजन की फसलों की बुवाई में लगे हुए हैं किसान डी ए पी खाद की कमी से जुझ रहा है तहसील क्षेत्र में डीएपी खाद के लिए किसान दर-दर भटकने को मजबूर है सहकारी समिति में खाद की कमी बनी हुई है जिसके कारण प्राइवेट दुकानों पर खाद की कालाबाजारी जमकर हो रही है बिचौलियो ने खाद पर कब्जा कर रखा है l इसके बाद अब किसानों को चिचोली निजी दुकानो से 1300 रुपए की डीएपी खाद कीमत के 1800 से लेकर 2000 तक कीमत चुकानी पड़ रही है । जबकि की बोरियों पर निर्धारित दर तय होने के बाद भी किसानों से एक बोरी डीएपी की निर्धारित दाम से 600 से ₹700 अलग से देने पड़ रहे हैं ऐसे में किसान अपने आप को लूटा हुआ महसूस कर रहा है । गोदना के किसान नीलेश उईके ,नरेन्द्र कवडे ने बताया कि आदिम जाति सहकारी समिति में खाद नहीं मिलने के बाद निजी दुकानों से खाद लेनी पड़ रही है सरकारी समिति में खाद का कमी बनी हुई है लगातार 8 दिन से चक्कर लगाने के बाद प्राइवेट दुकान से डीएपी खाद 18 सो रुपए में एक बोरी खरीदी गई है । खरीदी गई खाद की बोरियों पर बेच नंबर या खाद पर निर्धारित तारीख भी अंकित नहीं है । यह जांच का विषय है l
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किसान नेता सेवक राम यादव ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर जाहिर किया कि वर्तमान में चिचोली क्षेत्र में किसानों को प्राइवेट दुकानों में डीएपी खाद 1800 सो रुपए से लेकर 2000 रुपए तक डीएपी खाद बेची जा रही है जिसको लेकर आगामी दिनों में किसान संघ के माध्यम से ज्ञापन भी सौपा जाएगा । निलेश उईके ने बताया कि गुरुवार को सभी प्राइवेट दुकानों पर डीएपी खाद के दाम पूछे गए सभी डीलरो ने 1800 से लेकर ₹2000 तक के खाद के दाम तय कर रखे हैं ।
संबंधित अधिकारी खाना पूर्ति कर चले जाते हैं इधर कृषि विभाग के अधिकारियों का फोन बंद रहता है