आधुनिकता के इस दौर में अपनी जड़ों से पहचान आवश्यक : प्राचार्य श्री दवंडे
शासकीय महाविद्यालय भैंसदेही में दो दिवसीय गुरू पूर्णिमा उत्सव संपन्न
Betul Ki Khabar / भैंसदेही (मनीष राठौर) :- उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार शासकीय महाविद्यालय भैंसदेही में दो दिवसीय गुरू पूर्णिमा उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम के द्वितीय दिवस पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्राचार्य श्री जितेंद्र कुमार दवंडे ने कहा कि आधुनिकता के इस दौर में अपनी जड़ों से जुड़े रहना जरूरी है। आधुनिक तकनीकों से विकास तो हो रहा है परन्तु हमें अपने प्राचीन ज्ञान – विज्ञान के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत भारतीय ज्ञान परंपरा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है । उन्होंने विद्यार्थियों को प्राचीन काल की आश्रम व्यवस्था का महत्व बताते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्था से सामाजिक संतुलन सदैव बना रहता था।
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कार्यक्रम में डॉ जगेंद्र धोटे ने गुरू पूर्णिमा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व के संबंध में जानकारी साझा की। डॉ भूरेसिंह सोलंकी ने भारतीय परंपरा के गुरुओं के बारे में विद्यार्थियों को बताया। कार्यक्रम में क्रीड़ा अधिकारी श्री शैलेन्द्र बारंगे ने योग और ध्यान के महत्त्व से श्रोताओं को अवगत कराया। डॉ नीलिमा धाकड़ ने भारत में गुरू – शिष्य परंपरा पर प्रकाश डाला। श्री रविन्द्र सिंह शाक्यवार ने शिक्षा में नवाचार के महत्त्व को समझाया। कार्यक्रम के अंत में संयोजक डॉ उमेश कुमार चरपे ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन सुश्री विशाखा गुरव ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा विद्यार्थी उपस्थित रहें।