रिकॉर्डिंग हो रही है वायरल पर कार्यवाही नही
Betul Ki Khabar:- घोड़ाडोंगरी नगर परिषद के कर्मचारी द्वारा डीएम एवं आफिस में फाइल चलाने वाले बाबू के नाम से मांगी रिश्वत का मामला सामने आया है l बैतुल जिले के लिये रिश्वत लेना आम बात सी हो गयी है ऐसा लगता है सरकारी कर्मचारी अब रिश्वत से ही अपना घर परिवार चला रहे है भीमपुर एवं चिचोली गबन कांड अभी शांत भी नही हुआ था घोड़ाडोंगरी में डीएम आफिस के नाम से रिश्वत मांगने की रिकॉर्डिंग सामने आ गयी। नगर परिषद के कर्मचारी जो संबल योजना प्रभारी विनोद डोंगरे ने डीएम ऑफिस में फाइल चलाने के नाम पर बीस हजार की रिश्वत और संबल योजना के हितग्राही से कॉल वं मैसेज के माध्यम से बोला गया है कि तुम्हारा संबल योजना का प्रकरण 6 महीने एवं 180 दिन से ऊपर हो गया है इसलिए संबल योजना का फायदा चाहिए तो 30 हजार का खर्चा लगेगा तो हितग्राही द्वारा बोला गया कि में घर में बात करके बताता हु और मेरे घर में चाचा जी ही वही सब करते है उसने बात करनी पड़ेंगी तभी हितग्राही द्वारा बोला गया कि चाचा ने बोला है कि 20 हजार तक ही करवा सकते है नगर परिषद कर्मचारी द्वारा कहा गया कि में साहब से बात करके बताता हु थोड़ी देर बात कर्मचारी ने हितग्राही को कॉल करके बोलता है कि ठीक है तुम्हारा कम हो जाएगा 20 हजार साहब के नंबर पर डाल देना में आपको नंबर दे दुगा और आपके खाते में परसो के बाद और बहुत हुआ तो 15 दिनों के अंदर पैसा आ जयेगा इसलिए कुछ मैनेज करना पड़ेगा नगर परिषद कर्मचारी विनोद और हितग्राही की बीच हुई बात चित का ऑडियो रिकॉर्डिंग एवं व्हाट्सएप मेसेज बहुत तेजी से वायरल हो रही है पर बात यही खत्म नही हुई जब यह बात वायरल हुई तो विनोद पर प्रेशर बना और वो इस्तीफा दे कर चला गया और वो राज तो राज ही रह गया कि वो साहब कौन थे जिनके खाते में पैसा आना था l
Betul Samachar: SDM आफिस का रिश्वतखोर बाबू कापसे हुआ निलंबित
वो नगर परिषद के कोई साहब थे या डी एम ऑफिस के कोई साहब जानकारी के अनुसार डीएम साहब को जानकारी है सब घटनाकर्म की पर उन्होंने भी कार्यवाही नही की अब देखने की यह बात है बचाया किसको जा रहा है । पीड़ित हितग्राही के पिता घनश्याम साहू का लम्बी बीमारी के चलते लगभग एक साल पहले दुखद निधन हो गया था जिसका प्रकरण लंबे समय के बाद दर्ज किया गया किसके ऐवज में 180 दिन से ऊपर होने का हवाला देकर मृतक के पुत्र से प्रकरण पास करवाने के लिए रिश्वत के रूप में 20000 हजार की डिमांड की गई क्या यहाँ सही है कि अधिकारी एवं कर्मचारी किसी के मरने का भी बखूबी फायदा उठाना जानते है और सरकार की योजनाओं का भी अब तो यही देखना है कि रिकॉडिंग से एक बड़ा राज खुला है हो सकता है कि पहले भी जिले में इस योजना का ओर भी लोगो से फायदा उठाया हो ये जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा और जांच होगी भी या नही ये भी देखने की बात है।