परेशान किसानों ने की एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर समस्या का हल निकालने की मांग
Betul Ki Khabar/मुलताई। क्षेत्र में पराली जलाने के कारण लगने वाली आग की समस्या के दृष्टिगत प्रशासन द्वारा पराली जलाने वाले किसानों को नोटिस दिए जा रहे हैं। नोटिस देकर किसानों को तहसील कार्यालय में तलब किए जाने से किसान परेशान हो रहे हैं। तथा किसानों एवं प्रशासन के बीच तनाव बढ़ रहा है। पूरे मामले में ग्राम पंचायत हिवरखेड़ के किसानों द्वारा महामहिम राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर समस्या का हल निकालने की मांग की गई है। सरपंच विश्वनाथ धोटे, पुरूषोत्तम देशमुख, देवेन्द्र गलफट, रमेश देशमुख, प्रशांत धोटे, लक्ष्मण गव्हाड़े, ज्ञानेश्वर महाजन, दिनेश बारस्कर सहित बड़ी संख्या में तहसील कार्यालय पहुंचे किसानों ने एसडीएम अनिता पटेल को बताया कि किसानों को राजस्व द्वारा जो नोटिस दिए जा रहे हैं वे निराधार तथ्यों पर आधारित है जिससे किसान गांवों से तहसील कार्यालय पहुंचकर प्रतिदिन परेशान हो रहे हैं। किसानों ने बताया कि हम किसानों के द्वारा पराली नही जलाई जा रही है इसके बावजूद हमें दोषी बनाया जा रहा है।
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किसानों ने बताया कि पराली विभिन्न कारणों से जलती है जिसमें कई बार विद्युत फाल्ट तो कई बार निजी द्वेष होता है। दूसरी फसल की बोवनी करने के पूर्व किसान को पराली जलाना आवश्यक होता है जो पूर्ण सुरक्षित तरीके से जलाता है। लेकिन पराली जलाने में किसानों को दोषी बताकर उन्हें परेशान किया जा रहा है तथा इस संबन्ध में जब पटवारी से बात की जाती है तो वे सेटेलाईट सर्वे का हवाला देते हैं। किसानो ने बताया कि प्रतिदिन किसानों को तहसील कार्यालय बुलाया जा रहा है जिससे पूरे दिन किसान तहसील कार्यालय के चक्कर काटता है जिससे उसके अन्य आवश्यक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। किसानों ने कहा कि वे सरकार के सहयोगी हैं साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निर्वहन करते हैं। किसानों ने कहा कि पराली को लेकर शासन द्वारा किसानों को उचित मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए तथा समस्या का स्थाई एवं ठोस हल निकालना आवश्यक है ताकि किसान बिना परेशानी के कृषि कार्य संपादित कर सके।