लापरवाही को लेकर गौ भक्तों ने सौंपा एसडीएम को ज्ञापन, आंदोलन की चेतावनी
Betul Ki Khabar/मुलताई। पवित्र नगरी में स्टेशन चौक स्थित गोशाला में सुंअर के हमले से एक बछड़े की मौत हो गई जिससे गो भक्तों में रोष व्याप्त है। गोशाला प्रबंधन की लापरवाही के खिलाफ गो भक्तों ने बुधवार एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर व्यवस्थाएं बनाने की मांग की गई है ताकि भविष्य में घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो सके। प्राप्त जानकारी के अनुसार गोशाला प्रबंधन की लापरवाही से बुधवार गोशाला में घुसकर एक बछड़े पर हमला कर दिया गया जिससे उसकी मौत हो गई। ऐसी स्थिति में गोशाला में ही गो वंश सुरक्षित नही है इसलिए गो शाला में समुचित व्यवस्थाएं बनाने के लिए एसडीएम राजीव कहार से व्यवस्थाएं बनाने की मांग करते हुए गो भक्तों ने चेतावनी भी दी है कि यदि व्यवस्थाएं नही बनाई गई तो समस्त हिंदू संगठन मिलकर आंदोलन करेंगे। गो भक्त दिनेश कालभोर, महेन्द्र साहू, ऋषि साहू, भूपेश साहू, विक्रम रघुवंशी, शिवांश यादव, यश वर्धन भूमरकर, शिवम पंवार, धर्मेन्द्र नरवरे, घनश्याम सोनी, प्रवीण राऊत, दीपांशु साहू, गौरव साहू, नरेन्द्र साहू तथा रूपेन्द्र पाटिल सहित अन्य लोगों ने बताया कि नगर की एकमात्र गोशाला की स्थिति अत्यंत बदहाल स्थिति में है जिससे गो वंश की मौत हो रही है। गो भक्तों ने बताया कि जब सुअर द्वारा हमला किया गया तब कोई भी गोशाला का जिम्मेदार व्यक्ति मौके पर मौजूद नहीं था। उन्होने बताया कि यह नगर की 100 वर्ष पुरानी गो शाला है लेकिन रख रखाव के अभाव में गोशाला की स्थिति बदहाल हो चुकी है जहां व्यवस्थाओं की जरूरत है।
वीर शिरोमणि दुर्गादास जयंती धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाई
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी पहुंचे थे गोशाला में
गो भक्तों द्वारा एसडीएम को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि स्टेशन चौक स्थित नगर की एकमात्र गोशाला लगभग 100 वर्ष पुरानी है। इस गोशाला में 29 नवंबर वर्ष 1933 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी पहुंचे थे। ऐसी स्थिति में गोशाला का ऐतिहासिक भी महत्व है। इसके बावजूद गोशाला की स्थिति जर्जर है तथा प्रबंधन की लापरवाही से गोशाला धीरे धीरे अपना ऐतिहासिक महत्व के साथ साथ अस्तित्व भी खोते जा रही है जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
कुछ दिन पूर्व हुई थी बैल की मौत
गो भक्तों ने बताया कि गोशाला में गोवंश देखरेख के अभाव में जीर्ण शीर्ण हो रहे हैं। बीमार मवेशियों का उचित उपचार नही होने से विगत दिनों एक बैल की मौत हो गई थी। मृत बैल दो दिनों तक गोशाला में ही पड़ा रहा था जिसके शव की दुर्गंध से आसपास रहने वाले लोगों ने नपा को सूचना दी जिसके बाद नपाकर्मियों द्वारा गोशाला से बैल का शव उठाया गया था। मृत बैल को कचरा खंती में डालने पर भी नगर में भारी बवाल मचा था तथा गो भक्तों ने मृत गो वंश के समुचित अंतिम संस्कार की मांग की गई थी जिसके बाद नगर पालिका द्वारा राजस्व विभाग से गो वंश के अंतिम संस्कार के लिए जगह की मांग की गई थी
गोपाष्टमी पर गोशाला में किया जाता है गो पूजन
नगर की एकमात्र गोशाला में गोपाष्टमी पर बड़ी संख्या में जन प्रतिनिधि एवं राजनैतिक दलों के पदाधिकारी पहुंचकर गो पूजन करते हैं इसके बावजूद गोशाला की बदहाल स्थिति में परिवर्तन नही आया। इस वर्ष भी गो पूजन हुआ था तब बड़ी संख्या में लोग गोशाला पहुंचे थे लेकिन गोशाला की जर्जर स्थिति पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। बताया जा रहा है कि यदि समय रहते गोशाला पर ध्यान नही दिया गया तो कुछ समय बाद गोशाला अपना अस्तित्व खो सकती है।