कोथलकुंड में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली
Betul Ki Khabar/भैंसदेही (मनीष राठौर):- ग्राम पंचायत कोथलकुंड के आयुष्मान आरोग्य मंदिर में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का मामला सामने आया है। शासकीय अवकाश ना होने के बावजूद भी आयुष्मान आरोग्य मंदिर बंद पाया गया, जहां ना कोई कर्मचारी था और ना ही कोई डॉक्टर।
गरीब आदिवासियों को परेशानी
आयुष्मान आरोग्य मंदिर में डॉक्टरों की मनमानी और अव्यवस्था के कारण गरीब आदिवासी परेशान हो रहे हैं। जब भी वे इलाज के लिए आते हैं, उन्हें वापस जाना पड़ता है क्योंकि या तो अस्पताल बंद होता है या फिर दवाएं उपलब्ध नहीं होती हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप
स्थानीय लोगों का आरोप है कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर में डॉक्टरों की मनमानी और अव्यवस्था के कारण उन्हें इलाज के लिए दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है, जिससे उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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शासन प्रशासन की चुप्पी
इस मामले में शासन प्रशासन की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। आखिर क्यों स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है? क्या शासन प्रशासन को गरीब आदिवासियों की परेशानी दिखाई नहीं दे रही है?
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए। डॉक्टरों की मनमानी और अव्यवस्था को दूर करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं, ताकि गरीब आदिवासियों को इलाज के लिए परेशान न होना पड़े।