Betul Ki Khabar/भैंसदेही (मनीष राठौर):- शासकीय महाविद्यालय भैंसदेही मे सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत तृतीय दिवस दिनांक 19/09/2025 को जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में स्थानीय किसानों एवं छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में श्री रविन्द्र सिंह शाक्यवार,सहायक प्राध्यापक, प्राणिशास्त्र, डॉ. जगेंद्र धोटे, सहायक प्राध्यापक, अर्थशास्त्रएवं डॉ. कृष्णा राठौर, वनस्पतिशास्त्र ने जैविक खेती के विविध पहलुओं पर अपने विचार रखे।श्री रविन्द्र सिंह शाक्यवार ने कहा कि जैविक खेती न केवल मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक है। रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग से जैव विविधता पर बुरा असर पड़ता है, जिसे जैविक खेती रोक सकती है। डॉ. जगेंद्र धोटे ने आर्थिक दृष्टिकोण से समझाते हुए कहा कि हालांकि प्रारंभिक चरण में जैविक खेती की लागत अधिक प्रतीत होती है, लेकिन दीर्घकाल में यह लाभदायक सिद्ध होती है। जैविक उत्पादों की मांग बढ़ रही है, जिससे किसानों को अच्छा बाजार मूल्य प्राप्त हो सकता है। डॉ. कृष्णा राठौर ने वनस्पति विज्ञान की दृष्टि से बताया कि जैविक खेती में गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट, नीम की खली जैसे प्राकृतिक विकल्पों का प्रयोग कर फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों को बेहतर बनाया जा सकता है।
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कार्यक्रम का संयोजन श्री रविन्द्र सिंह शाक्यवार द्वारा किया गया। सेवा पखवाड़ा की सह-संयोजक श्रीमती संगीता बामने ने सभी अतिथियों, छात्रों और किसानों को धन्यवाद ज्ञापित किया । इस अवसर पर उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने जैविक खेती को अपनाने की दिशा में गंभीरता से विचार करने की बात कही।