अस्पताल में मौजूद नहीं रहते डॉक्टर, उपचार के लिए ग्रामीण परेशान

By betultalk.com

Published on:

Follow Us

Betul Ki Khabar/भैंसदेही (मनीष राठौर):- भैंसदेही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खामला में पदस्थ डॉक्टर अक्सर नदारत रहते है। जिसके कारण मरीजों को बिना उपचार कराये लौटना पड़ रहा है। हालात यह है कि मरीज उपचार की आस लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तो पहुंचते है, लेकिन उन्हें डॉक्टर रूम में अक्सर ताला लटका मिलता है। ग्रामीणों का आरोप है कि पीएचसी में पदस्थ डॉ. वसीन खान कभी-कभी ही अस्पताल आते है और एक-दो घंटे रूकने के बाद लौट जाते है। जिसके कारण उन्हें उपचार नहीं मिल पा रहा है और उन्हें 26 किलोमीटर दुर भैंसदेही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जाना पड़ता है या फिर निजी चिकित्सकों से महंगा उपचार करना पड़ रहा है। बता दे कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खामला के आसपास कई ग्राम है। जिनके पास उपचार के लिए एकमात्र साधन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ही है, लेकिन यहां भी ग्रामीणों को उपचार नहीं मिल पा रहा है। बताया जाता है कि जंगली एरिया होने के कारण रीछ के हमले की घटनाएं होते रहती है। ऐसे में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर मौजूद नहीं होने से मरीजों को भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भैंसदेही ही ले जाना पड़ता है।

मुख्यालय पर नहीं रहते डॉक्टर

बताया जाता है कि पीएचसी में पदस्थ डॉक्टर मुख्यालय पर न रहकर अपडाऊन करते है। वह भी कभी आते है और कभी नहीं आते है। सूत्र बताते है कि खामला स्वास्थ्य केन्द्र का पूरा प्रभार इनके पास है। लेकिन वह अस्पताल नहीं आते है। यहां ड्रेसर दवाईयां बांट रहे है। नर्स स्टॉफ भी कम ही मौजूद रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तो खोला है, लेकिन डॉक्टर मौजूद नहीं होने के कारण यह अस्पताल मात्र औपचारिक बनकर रह गया है। अधिकारी भी अस्पताल का निरीक्षण करने नहीं आते है।

Blood Donation: सेवा पखवाड़ा के तहत 33 यूनिट रक्तदान मंडल प्रभारी नितिन सिंह ने किया रक्तदान

बीएमओ भी नहीं उठाती फोन

ग्रामीणों का आरोप है कि बीएमओ स्वाती बरखड़े को फोन करने पर वह भी फोन नहीं उठाती है। जिसके कारण ग्रामीण अस्पताल की अव्यवस्था को लेकर शिकायत दर्ज नहीं करा पाते है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही अस्पताल की व्यवस्थाएं बेपटरी हो गई है। अधिकारी समय-समय पर अस्पताल का निरीक्षण करे और डॉक्टर को ताकीद किया जाये कि वह रोजाना अस्पताल में निर्धारित समय तक मौजूद रहे, तो काफी हद तक अस्पताल की व्यवस्था में सुधार आ सकता है, लेकिन बीएमओ स्वाती बरखड़े ही लापरवाही बरत रही है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को चुकाना पड रहा है।

इनका कहना है –

विगत कई वर्षों से खामला स्वास्थ्य केन्द्र कि हालत बद से बदत्तर होते जा रहा है कई बार वरिष्ठ अधिकारियो को भी अवगत करवाया गया है किंन्तु वस्तु स्थिति जस की तज बनी हुई है, वैसे डाक्टरो को तो मुख्यालय पर ही रहने के आदेश जारी होना चाहिए ताकि गरीबो को इसका लाभ मिल सके। कई बार बीएमओ को लगाओ तो वह फोन भी रिसीव नही करती। मै कलेक्टर महोदय से मांग करता हूँ कि इस ओर ध्यान दिया जाये।

सावन्या हरसुले पूर्व जनपद सदस्य खामला

मैं अभी बाहर आया हूं। बैतूल पहुंचकर इस संबंध में जानकारी लेता हूं। यदि डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं रहते है तो इस संबंध में उन्हें कड़े निर्देश जारी किये जायेगे। बीएमओ से भी चर्चा कर फोन उठाने के लिए कहा जायेगा।

मनोज हुरमाड़े, सीएमएचओ, बैतूल

Leave a Comment