CMHO का आदेश भी नहीं मानते खामला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर

By betultalk.com

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Betul Ki Khabar/भैंसदेही (मनीष राठौर):- भैंसदेही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खामला डॉक्टर की अनुपस्थिति से औपचारिक बनकर रह गया है। अभी स्वस्थ नारी स्वस्थ परिवार जैसे अभियान के दौरान अस्पतालों में निशुल्क जांच शिविर लगाये जा रहे है, वहीं खामला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर ही मौजूद नहीं है। जिससे ग्रामीणों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जाना पड़ रहा है। बता दे कि खामला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के अंतर्गत दर्जनों गांव आते है। जहां वर्तमान में मौसमी बीमारियों के कारण लोग बुखार, सर्दी-जुकाम सहित अन्य सामान्य बीमारियों से ग्रसित हो रहे है। जिन्हें उपचार के लिए निजी चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ रहा है। सबसे खासबात यह है कि सीएमएचओ के आदेश को भी खामला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉ. वसीम खान नहीं मानते है। अभी कुछ ही दिनों खबर प्रकाशन के बाद सीएमएचओ ने डॉ. वसीन खान को नियमित रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में मौजूद रहने की बता कहीं थी, लेकिन इसके बाद भी डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं रहते है। इसी वजह से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इधर ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल जाने पर न तो डॉक्टर मौजूद रहते है और न ही स्टॉप मिलता है। अस्पताल में कर्मचारी के नाम पर सिर्फ दवाई बांटने वाले मौजूद रहते है। लेकिन जब इलाज ही नहीं होगा तो दवाईयां बांटने वाला कर्मचारी क्या करेगा। सुत्रो कि माने तो बीएमओ का खुल्ला संरक्षण है डाँ वसीम खान पर जो कि स्पष्ट देखने को मिल रहा है साथ ही सुत्रो से मिलि जानकारी के अनुसार जहा भी बीएमओ निरिक्षण करने जाती है वहा उन्हे भी साथ ले जाती है।

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ड्रेसर बांट रहा दवाईयां

अस्पताल में पदस्थ ड्रेसर दवाईयां बांट रहा है। ऐसे में एक गलत दवाई मरीज की जान को खतरे में डाल सकता है। वैसे अस्पताल का समय सुबह 9 बजे से 2 बजे तक तथा शाम 5 बजे से 6 बजे तक रहता है 22 सितम्बर सोमवार को सुबह 10:30 ग्रामीणो ने पहुंचकर देखो तो वह फिर लापता थे ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि डॉ. वसीम खान समय पर अस्पताल नहीं आते है और आते भी है तो जल्द ही लौट जाते है। मरीज लाइन में खड़े रहकर इंतजार करते है और मायूस होकर लौट जाते है। डॉक्टर की इस मनमानी से ग्रामीण परेशान है। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए कड़े कदम उठाये जाये, ताकि ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके।

इनका कहना है –

अभी मैं छुट्टी पर हूं, बैतूल लौटने के बाद इस संबंध में जानकारी लेता हूं। यदि डॉक्टर समय पर अस्पताल नहीं पहुंच रहे है तो नियमानुसार कार्रवाही की जायेगी। वैसे डॉ. वसीन खान की तीन दिन खामला में ड्यूटी लगाई है।

मनोज हुरमाड़े, सीएमएचओ बैतूल

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