जांच के बाद रिकवरी के आदेश कागजों में, नहीं हुई ठोस कार्रवाही

By betultalk.com

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Betul Ki Khabar/भैंसदेही/मनीष राठौर :- भैंसदेही पंचायत में फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार की जांच होने के बाद रिकवरी जैसे आदेश तो जारी होते है, लेकिन न तो रिकवरी होती है और न ही ठोस कार्रवाही। इसकी का परिणाम है कि पंचायतों में फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार नहीं थम रहा है। ऐसा ही एक मामला चिलकापुर पंचायत में तत्कालीन रोजगार सहायक पर 5 जुलाई 2022 का सामने आया है, जिसमें जांच के बाद कई योजनाओं में भ्रष्टाचार सामने आया था। जिसके बाद पंचायत के प्रधान धर्मराज कास्देकर से 1 लाख 43 हजार 398 रूपये और रोजगार सहायक संदीप मगरदे से 62,560 रूपये की रिकवरी होना है, लेकिन अभी तक उक्त लोगों से रिकवरी नहीं हुई। जिसके वजह से पंचायतों में भ्रष्टाचार की चैन नहीं टूट पा रही है। जागरूक लोगों का कहना है कि पंचायतों में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा कारण अधिकारियों की अनदेखी भी है। अधिकारियों द्वारा जांच के बाद रिकवरी आदेश तो दिये जाते है, लेकिन ठोस कार्रवाही नहीं की जाती है। वर्षो तक आदेश कागजों में पड़े रहते है और दोषी बाहर घूमते है। जिससे भ्रष्टाचार करने वालों का मनोबल बढ़ता है। यदि फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार की जांच के बाद ठोस कार्रवाही होना शुरू हो जाये तो पंचायतों में भ्रष्टाचार खत्म हो जायेगा।

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