100 मीटर लंबी सडक़ पर एक दर्जन से अधिक गड्ढे
Betul Ki Khabar / आमला :- रेलवे की सडक़ों की हालत खराब है। सडकों पर जगह-जगह गड्ढे हो गये है। लगातार आवागमन से इन सडक पर गड्ढों का आकार बढ़ता जा रहा है और सडके बदहाल होती जा रही है। सडक़ पर गड्ढों से वाहन चालकों को रोजाना दो-चार होना पड़ता है। कहीं-कहीं तो सडक़ की स्थिति इतनी खराब है कि सडक़ पर चलना भी मुश्किल है, लेकिन मजबूरी में वाहन चालकों को इन्हीं सडको का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। शहरवासियों ने इन सडकों की खस्ता हालत से कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत भी कराया है, किन्तु रेलवे विभाग द्वारा सडक के गड्ढों को भरने या नई सडके बनाने की दिशा में कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। जिसकी वजह से सडक़ों को लेकर जनता की परेशानी खत्म नहीं हो रही है। रात के समय वाहन चालक खासकर रेलवे कर्मचारी इन सडक़ों की खराब स्थिति से ज्यादा परेशान है। जब अचानक गड्ढा सामने आने से वाहनों का संतुलन बिगड़ जाता है और चालक गिरकर चोटिल हो जाते है। वाहनों को भी नुकसान पहुंच रहा है। अधिवक्ता राजेन्द्र उपाध्याय का कहना है कि रेलवे विभाग को कम से कम गड्ढों की मरम्मत ही करवा देना चाहिए, ताकि सडक आवागमन लायक बन सके।
100 मीटर सडक़ में एक दर्जन से अधिक गड्ढे …(Betul Ki Khabar)
रेलवे सडक की हालात इतनी खराब है कि 100 मीटर लंबी डामर सडक़ में कम से कम एक दर्जन से अधिक गड्ढे नजर आ जायेगे। यह गड्ढे 2-2 फीट लंबे बने हुए है। जिनमें बारिश का पानी भर जाता है। लंबे और चौड़े गड्ढों के साथ-साथ गड्ढों की गहराई समझ नहीं आने से वाहन चालक अनियंत्रित होकर गिर जाते है। जिससे उन्हें चोटे भी आती है। अधिवक्ता राजेन्द्र उपाध्याय का कहना है कि विभागों द्वारा बारिश पूर्व सडकों का मेंटनेंस नहीं किया जाता है। जिसकी वजह से बारिश में सडके और ज्यादा खराब हो जाती है। सडक़ो के गड्ढे भर दिये जाये तो बारिश से सडक़ खराब नहीं होती, लेकिन रेलवे विभाग इस दिशा में ध्यान नहीं देता है।
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सडकों पर रोजाना परेशान होते है लोग …(Betul Ki Khabar)
रेलवे की सडक़ो पर कर्मचारियों के अलावा आमजनों का भी आना-जाना लगा रहता है। रोजाना सैकड़ों वाहन इस सडक़ से गुजरते है। वाहन चालक जैसे-तैसे सडक के गड्ढों से बच भी जाते है, किन्तु रात्रि में गड्ढे नजर नहीं आने से कई बार गिरकर चोटिल हो चुके है। अधिवक्ता राजेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि इन सडकों पर केवल चंद स्थानों पर ही डामर नजर आता है। शेष जगह गड्ढे हो गये है या गिट्टी निकल आई है। जिस पर वाहन चलाते समय चालक जरा भी लापरवाही की तो वह दुर्घटना का शिकार बन रहा है। लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा सडक कर मरम्मत तक नहीं कराई जा रही है। जिसकी वजह से वाहन चालकों के साथ-साथ आमजनता परेशान है।