स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी, पूर्व में पुलिया से बहने पर हो चुकी है मौत
Betul Ki Taja Khabar/मुलताई। नगर के पारेगांव रोड पर स्थित पुलिया इन दिनों लगातार हो रही बारिश के कारण आम जनता के लिए खतरे का कारण बन गई है। यह पुलिया हर साल बरसात के दिनों में जलमग्न हो जाती है, जिससे यहां से गुजरना आम लोगों के लिए जोखिम भरा हो जाता है। खासकर स्कूली बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह पुलिया खतरे से कम नहीं है। आसपास के लोगों का कहना है कि यह समस्या कोई नई नहीं है, बल्कि हर वर्ष बरसात में यही हालात बनते हैं, लेकिन आज तक इस पुलिया की मरम्मत या ऊंचाई बढ़ाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
स्कूली बच्चों का रहता हैं प्रतिदिन इस पुलिया से आवागमन
उक्त क्षेत्र के निवासी दानिश शाह, खलील शाह, मोनू शाह, साहिद भाई और वहीद मिस्त्री ने बताया कि इस पुलिया से प्रतिदिन एक स्कूल के सैकड़ों बच्चों का आना-जाना होता है। जब पुलिया के ऊपर से पानी बहता है, तब बच्चों को वहां से गुजरना बेहद खतरनाक हो जाता है। कई बार बच्चे गिरते-गिरते बचे हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकाला गया है।उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों में पानी का बहाव इतना तेज हो जाता है कि छोटे बच्चे तो पुलिया के किनारे खड़े होने से भी डरते हैं। उनके अनुसार, यदि समय रहते इस समस्या का हल नहीं किया गया, तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है।
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पूर्व में पुलिया से बहकर बुजुर्ग की हो चुकी है मौत
पारेगांव पुलिया पर बारिश में अत्यधिक पानी के बहाव की कारण पूर्व में एक बुजुर्ग की पुलिया से बहकर मौत हो चुकी है। उक्त नागरिक पुलिया पर कर रहा था इसी दौरान तेज बहाव में बह गया जिसका शव बाद में नाले में फंसा हुआ मिला। इसके बाबजूद प्रशासन द्वारा पुलिया को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है जिससे बारिश के दौरान फिर कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। उक्त क्षेत्र के रहवासियों द्वारा पुलिया की ऊंचाई बढ़ाने की मांग की है।
स्थानीय प्रशासन पर उठ रहे सवाल
पुलिया पर से पानी बहने की समस्या वर्षों से बनी हुई है जिसका कारण पुलिया मार्ग से थोड़ी नीचे होना बताया जा रहा है। नियमानुसार पुलिया मार्ग से ऊंची होना चाहिए ताकि पुलिया पर पानी जमा नहीं हो सके। इसके लिए ऊंचाई में बढ़ोतरी या वैकल्पिक पुल निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन जिम्मेदार विभाग मौन बना हुआ है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस पुलिया की मरम्मत और सुधार कार्य को जल्द से जल्द प्राथमिकता दी जाए। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यहां कोई बड़ा हादसा होना तय है।पुलिया पर बैरिकेडिंग, चेतावनी बोर्ड और स्कूल के समय पर विशेष निगरानी व्यवस्था जैसे तात्कालिक उपाय भी किए जा सकते हैं, जब तक स्थायी समाधान न हो।