पिछले 02 वर्ष से कोर्ट में चल रहा था तलाक प्रकरण, कुन्बी समाज के पूर्व पदाधिकारियो ने भी दी थी समझाईश
Betul Ki Taja Khabar/भैंसदेही (मनीष राठौर):- भैसदेही शनिवार लोक अदालत में कई मामले आए थे, जिनमें से एक मामले में पति द्वारा कोर्ट में तलाक हेतु प्रकरण प्रस्तुत किया गया था। पत्नी की ओर से पैरवी करने वाले युवा अधिवक्ता रोशन मगरदे ने बताया कि दोनों की शादी वर्ष 2006 में हुई थी तथा दोनों के दांपत्य जीवन से 18 वर्ष की एक पुत्री तथा 16 वर्ष का एक पुत्र है। उन्होंने बताया कि कुनबी समाज कि इस दंपति की शादी को 19 वर्ष हो चुके थे। इसके बाद पारिवारिक जीवन अच्छा चल रहा था। इन सबके बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाकर कहा सुनी शुरू हुई। आपस में विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों अलग हो गए तथा वर्ष 2022 से पृथक पृथक निवास कर रहे थे। जब यह तलाक का प्रकरण युवा अधिवक्ता रोशन मगरदे के संज्ञान में आया तो उनके द्वारा तत्कालीन कुनबी समाज संगठन भैसदेही के अध्यक्ष मनीष नावंगे एवं उनकी टीम को इस प्रकरण से अवगत कराया। कुनबी समाज संगठन भैसदेही के द्वारा दोनों पति-पत्नी के परिवारों से संपर्क कर आपसी सामंजस्य बैठाने का प्रयास किया गया। संगठन व अधिवक्ता रोशन मगरदे के प्रयासों तथा न्यायालय की समझाईश के बाद पति-पत्नी ने अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए फिर से एक होने का फैसला लिया।
Betul Local News: भैंसदेही विकासखंड के ग्रामों में पहुंचेगी यात्रा
इन दंपत्ति के परिवार को पुनः बसाने के लिये निरंतर कुनबी समाज संगठन भैसदेही के पूर्व अध्यक्ष मनीष नावंगे, पूर्व अध्यक्ष मारोती बारस्कर, ब्रह्मदेव कुबड़े पटेल, देवीदास खाड़े, प्रवक्ता सुरेन्द्र कनाठे, बालकृष्ण वागद्रे, नामदेव कोसे, विश्वनाथ देशमुख, डाँ इन्द्रदेव लिखितकर, सीताराम धाड़से, प्रमोद कापसे, कमलेश कावड़कर, महिला संगठन पुर्व अध्यक्ष सत्यदेवी लोखंडे, कन्यादान आयोजन अध्यक्ष पुष्पा खाड़े, माध्वी देशमुख सहित पदाधिकारीगणो का विशेष सहयोग रहा। युवा अधिवक्ता रोशन मगरदे ने कहा कि परिवार को जोड़ना ही सच्चे अर्थों में मानव सेवा है। वे भविष्य में भी इसी प्रकार के कार्यों के लिए तत्पर है इसके पूर्व रोशन मगरदे अधिवक्ता द्वारा इतनी कम उम्र में पांच पारिवारिक प्रकरणों में राजीनामा कर घर बसवाये है।

