Betul Ki Taja Khabar: किसान संघर्ष समिति के धरने का तीसरे दिन हुआ समापन

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         बिजली की समस्याओं को लेकर उप महाप्रबंधक को सौंपा ज्ञापन, एक सप्ताह में निराकरण का आश्वासन

Betul Ki Taja Khabar/मुलताई। किसान संघर्ष समिति द्वारा बिजली समस्याओं को लेकर दिया जा रहा धरना आज तीसरे दिन समापन हुआ। धरने में विभिन्न ग्रामों से आए किसानों ने बिजली आपूर्ति से जुड़ी अनेक समस्याएं रखीं। इस दौरान समिति के प्रतिनिधियों ने उप महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा, जिसमें क्षेत्र के किसानों को बिना कटौती के लगातार 12 घंटे बिजली देने, मोही सबस्टेशन में बार-बार हो रही कटौती बंद करने, दुनावा क्षेत्र के ग्राम मयावाड़ी और भागवत ढाना के ओवरलोड ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने, टूटे बिजली खंभों को बदलने, ग्राम जौलखेड़ा में गायत्री कॉलोनी से एक किलोमीटर दूर स्थित 15 मकानों तक बिजली पहुंचाने, ग्राम बिरूल बाजार बस्ती के ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने, लाइनमैन को स्थायी रूप से मुख्यालय पर तैनात करने, तथा ग्राम परमंडल के श्मशान घाट ट्रांसफार्मर से तीनों फेज की बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने जैसी प्रमुख मांगें शामिल थीं। उप महाप्रबंधक ने किसानों की समस्याओं का एक सप्ताह के भीतर निराकरण करने का आश्वासन दिया। धरना स्थल पर संबोधित करते हुए किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर यह धरना दिया गया है, उन्हीं मुद्दों को लेकर समिति संयुक्त किसान मोर्चा के साथ प्रदेशभर में आंदोलन करेगी। उन्होंने बताया कि 26 नवंबर को ऐतिहासिक किसान आंदोलन की पाँचवीं वर्षगांठ के अवसर पर देशभर में राजधानी एवं जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किए आराधना भार्गव ने कहा कि सरकार किसानों को उनकी उपज का उचित दाम न देकर एक बार फिर किसान विरोधी मानसिकता का परिचय दे रही है। जगदीश दोड़के ने कहा कि भाजपा सरकार कार्पोरेट घरानों के इशारे पर चल रही है, जिसने कॉर्पोरेट का 16 लाख करोड़ रुपये माफ किया, लेकिन किसानों का एक रुपया भी माफ नहीं किया।

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जिला उपाध्यक्ष लक्ष्मण बोरबन ने कहा कि कर्ज के बोझ से दबे किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं, धरना कार्यक्रम में पिरथी बारपेटे, शिवलू चौरे, सीताराम नरवरे, कृष्णा ठाकरे, कैलाश डोंगरदिये, रमेश सोनी, चैनसिंह सिसोदिया, हीरालाल कोड़ले, बिरज चिकाने, लक्ष्मण परिहार, मनोज चिकाने, शंकर धोटे, भीमसेन पवार, धनाराम डोंगरदिये, कुंवरलाल डहारे, पढ़री पांसे, उमेन सिंह, भारत बगाहे, दूर्गा प्रसाद सिंगारे एवं भागवत परिहार सहित अनेक किसान उपस्थित रहे।

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