तिरमहू की प्राचीन बावड़ी का होगा कायाकल्प – जनसुनवाई में मिला आश्वासन

By betultalk.com

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Betul Ki Taja Khabar/आमला – जनसुनवाई में आज एसडीएम आमला ने ग्राम तिरमहू की प्राचीन बावड़ी के कायाकल्प का आश्वासन दिया। अधिवक्ता राजेंद्र उपाध्याय द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर अधिकारियों ने तत्परता दिखाई और संबंधित ग्राम सचिव से तुरंत बातचीत की।

राजेंद्र उपाध्याय ने जनसुनवाई में बताया कि उन्होंने 29 अप्रैल 2025 को ग्राम अंधारिया, लालावाड़ी, कनोजिया, जबाड़ा तालाब और कुएं की सफाई को लेकर ज्ञापन सौंपा था, लेकिन अब तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ। इस पर सीओ जनपद पंचायत आमला ने तुरंत ग्राम अंधारिया के सचिव मनोज गढेकर से बातचीत की। सचिव ने जानकारी दी कि कार्य लगभग पूरा हो चुका है और शेष काम आज ही पूर्ण कर दिया जाएगा। दो घंटे के भीतर जलकुंभी हटा दी गई।

इसके बाद ग्राम छावल के सरपंच राजू कापसे से भी चर्चा की गई, जिन्होंने आश्वासन दिया कि दो दिन में कुएं की साफ-सफाई कर उसे सुंदरीकरण किया जाएगा।

जनसुनवाई के दौरान जब तिरमहू गांव की प्राचीन बावड़ी का मुद्दा उठा, तो सीओ साहब ने जानकारी दी कि इस बावड़ी का दो साल पहले कायाकल्प किया गया था, लेकिन गांव वालों की लापरवाही के चलते इसमें दोबारा गंदगी इकट्ठा हो गई है। बावड़ी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। सीओ ने तत्काल ग्राम सचिव को फोन कर निर्देश दिए। उनकी सक्रियता से यह उम्मीद जगी है कि जल्द ही बावड़ी की स्थिति में सुधार होगा।

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ग्राम के किसान नेता रविकांत उघड़े ने बताया कि यह बावड़ी ग्रामवासियों की आस्था का प्रतीक है, परंतु सरपंच और सचिव ने समय पर एस्टीमेट बनाकर शासन को नहीं सौंपा, जिससे मरम्मत कार्य में देरी हुई। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि गांव में कचरा प्रबंधन की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते कचरा बावड़ी के आसपास फेंका जा रहा है।

गांव के बुजुर्गों ने सुझाव दिया कि बावड़ी का कायाकल्प करते समय इसकी ऐतिहासिकता और प्राकृतिक सौंदर्य का विशेष ध्यान रखा जाए, जिससे यह न केवल उपयोगी बनी रहे बल्कि आकर्षक पर्यटन स्थल भी बन सके।

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