Betul Latest News / भैंसदेही (मनीष राठौर) :- 24 सितंबर को भैंसदेही में शिव मंदिर के पास सभी क्षेत्रवासी एकत्रित होकर मेंढ़ा जलाशय का पानी अपने क्षेत्र में लाने के लिए एक विशाल ज्ञापन रैली एसडीएम साहब के माध्यम से मुख्यमंत्री को देने जा रहे हैं। मेंढा जलाशय का पानी भैसदेही क्षेत्र को ना मिलकर बैतूल क्षेत्र ले जाया जा रहा है। इस बात को लेकर क्षेत्र के किसानों में और क्षेत्र की जनता में भारी आक्रोश है। सरकार के प्रति नाराजगी है, हमारे विधायक महोदय ने चुनावी रैलियां में कहा था की मेंढा जलाशय का पानी भैंसदेही क्षेत्र वासियों को सिंचाई के लिए मिलेगा, हमारे सांसद महोदय ने भी कहा था की मेंढा जलासय परियोजना का पानी भैंसदेही क्षेत्र के किसानों को मिलेगा, परंतु दुख की बात है की चुनाव होने के बाद में सरकार बनने के पश्चात सांसद महोदय विधायक महोदय सब चुपचाप बैठे हैं। इसीलिए क्षेत्र की जनता 24 सितंबर को विशाल ज्ञापन रैली कर रही है और यदि सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो क्षेत्र की जनता किसी बड़ी कार्यवाही की तरफ भी जा सकती है। विदित हो कि ये रेली अभी एक ज्ञापन के रूप में ही होगी माननीय मुख्यमंत्री जी ने विगत रक्षाबंधन के पावन अवसर पर भैंसदेही क्षेत्र की जनता के समक्ष मेंढ़ा जलाशय का नाम रामजी कोरकू डेम रखा था। श्री रामजी कोरकू नांद्रा गोरेगांव के रहने वाले थे क्षेत्र की जनता माननीय मुख्यमंत्री जी से गुहार लगाती है की रामजी कोरकू के क्षेत्र को पानी भी ना मिले यह तो गलत है।
पहले भी कर चुके कोशीश
मेडा जलाशय पहले से सुर्खियों में बना हुआ है किसान नाराज है, यहां तक की जिला सदस्य राजा ठाकुर ने भी इसके पहले आंदोलन कर चुके हैं कि मेडा जलाशय का पानी सिचाई हेतू भैंसदेही के ग्रामीणो को मीले।
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पलायन को मजबूर कीसान
क्षेत्र में पानी न होने के कारण नांद्रा, राकसी, गोरेगांव, मासोद, के ग्रामीण अपने रोजी-रोटी के लिए महाराष्ट्र की और पलायन करते हैं।
ग्राम आमल, गोरेगांव, मालेगांव, सिवनपात, बोरगांव,गोरेगांव, राकसी, मासोद, बरहापुर, चिचोली ढाना,काटोल,विजय ग्राम एवं बलराम समिति के मार्गदर्शन में अनुभागीय अधिकारी को शौपेगे ज्ञापन ।
इनका कहना
इस बारे में मुझे अभी कोई सूचना या ज्ञापन प्राप्त नहीं हुआ है, फिर भी
चार हजार पांच सौ हैकटेयर जमीन के लिए अभी पर्याप्त पानी बचा हुआ है परंतु स्वीकृति न होने के कारण अभी कुछ रूपरेखा नहीं बनाई गई राशि स्वीकृत होने पर ही कहा जा सकता है किस क्षेत्र को यह पानी मिलेगा
ए ई विपिन वामनकर जल संसाधन विभाग