नागपंचमी से प्रारंभ हुई शिव भक्ति का ऋषि पंचमी पर होगा समापन
Betul Local News/मुलताई। क्षेत्र के सुख समृद्धि और खुशहाली के लिए गांव-गांव में भगवान भोलेनाथ के भक्त कठिन तप करते हुए भक्ति में तल्लीन हैं। नाग पंचमी से शुरू हुई यह भक्ति एवं आराधना आगामी ऋषि पंचमी तक चलेगी। ग्रामीण अंचलों में इस भक्ति आराधना को कसनी कहा जाता है जिसे करने वाले भगत सवा महीने तक आम लोगों से दूरी बनाए रखते हैं ।
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ग्रामीण अंचलों में इस समय सुबह शाम शिव भक्तों का जत्था देखने को मिल रहा है । दिनभर भगवान भोलेनाथ का पूजन और शाम को हर गांव में भजन तरह भक्ति के पोवाड़े गुंज रहे हैं । यह भक्ति नाग पंचमी पर पचमढ़ी के नागद्वार व चौरागढ़ से पूजन करके लौटे भगत कर रहे हैं । कसनी करने वाले भक्तों ने परिवार के साथ आम लोगों से भी दूरी बना ली है तथा किसी के छूने पर तत्काल नदी या कुऐ के पानी से स्नान करते हैं । इसके बाद दोबारा भक्ति करने में जुट जाते हैं। नियमों के अनुसार शिव भक्त स्वयं हाथों से बना कर भोजन कर रहे हैं। क्षेत्र के मासोद, वाय गांव,सिरडी,बिसनुर,सावंगी ,हिवरखेड सहित अन्य ग्रामो में भगत इस तरह से शिव भक्ति करने में लीन है। भक्तों का कहना है कि ऐसी भक्ति करने से भगवान भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होकर क्षेत्रवासी को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं । भगत अरुण जगताप,राजू दरवाई,रवि निम्बालकर,कमलेश राठौर,श्याम पंवार आदि ने बताया कि कई सालों से नागद्वारी की यात्रा कर रहे है जिसके बाद सवा महीने तक कठिन तपस्या करते हैं। भक्तों द्वारा भोलेनाथ का पूजन कर कढ़ाई कर हलवे का प्रसाद बनाकर वितरण किया जा रहा है।