मिनी स्टेडियम में हुआ शालेय बच्चों तथा अधिकारियों की उपस्थिति में गीता पाठ
Betul Local News/मुलताई। नगर के सांदिपनि शाला मैदान मिनी स्टेडियम में सुबह गीता पाठ का आयोजन किया गया जिसमें शालेय बच्चों सहित अधिकारीगण उपस्थित थे। प्रदेश में 16 नवंबर से 28 नवंबर तक गीता महोत्सव के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने सस्वर गीता पाठ किया। इस अवसर पर एसडीएम राजीव कहार ने कहाकि गीता पाठ से विद्यार्थियों में अध्यात्मिक शक्तियों का विकास होता है और जीवन पथ सुचारू रूप से संचालित होता है। जनपद पंचायत अध्यक्ष नानी बाई डहारे ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के द्वारा बच्चों को ग्रंथों से जोड़ने एवं अध्यात्मिक विकास के लिए गीता महोत्सव का आयोजन किया गया है ताकि बच्चे संस्कारी बन सकें। इस दौरान शालेय बच्चों ने सस्वर गीता पाठ किया जिससे उपस्थित लोग भाव विभोर हो गए। कार्यक्रम में पंडित सौरभ जोशी तथा गायत्री परिवार के घुड़क्या देशमुख, सुदामा पाठेकर, नान्हूलाल खपरिये ने गीता पाठ कराया। इस अवसर पर तहसीलदार संजय बरैया, सीईओ डीएस मशराम, बीईओ सक्षम बारमाटे, पिरथीलाल डहार, प्राचार्य संदीप गणेशे, प्राचार्य प्रमोद नरवरे, प्राचार्य नीलिमा गार्गव उपस्थित थे। मंच संचालन खेल शिक्षिका रश्मि बाथरे के द्वारा किया गया।
प्रभात पट्टन में गीता जयंती महोत्सव का आयोजन
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय प्रभात पट्टन में गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें गुरूवंदना अजाबराव पंवार द्वारा 15 वें अध्याय का वाचन एवं भावार्थ संजय पाठक, देवराव पांसे, गीता साहू, बीएल बारपेटे द्वारा किया गया। कार्यक्रम में भजनों की प्रस्तुति आशिष शर्मा, गीता साहू सहित विद्यार्थियों के द्वारा दी गई। इस अवसर पर जनपद सीईओ आंचल पंवार, बीईओ आशिष चंद शर्मा, बीआरसीसी एस खपरिये, प्राचार्य वी पोपले, सरपंच विश्वनाथ घोटे आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में श्रीमद भगवद गीता पर अतिथियों के द्वारा विस्तार से उद्बोधन दिया गया। कार्यक्रम का समापन गीता मां की आरती से हुआ।
Betul Ki Taja Khabar: गीता जयंती पर नगर के उत्कृष्ट स्कूल में विकासखंड स्तरीय महोत्सव का किया आयोजन
जूते पहनकर गीता पाठ कर रहे थे कुछ अधिकारी
मुलताई के मिनी स्टेडियम में कार्यक्रम के दौरान कुछ अधिकारी जूते पहनकर गीता पाठ कर रहे थे जिस पर आपत्ति के बाद अधिकारियों ने मंच से उतरकर जूते उतारने के बाद गीता पाठ किया। बताया जा रहा है कि गीता पाठ के दौरान कुछ अधिकारी जूते उतारना भूल गए थे जिस पर वहां मौजूद जागरूक नागरिकों द्वारा आपत्ति लेने पर तत्काल जूते उतारे गए। नागरिकों ने बताया कि यह धार्मिक आयोजन द्वारा जिसमें पवित्र ग्रंथ का वाचन किया जा रहा था इस दौरान अधिकारियों को यह जूते पहनकर गीता पाठ नहीं करना था क्योंकि गीता पाठ में मर्यादाओं का पालन करना आवश्यक है।

