नप ने कुछ मूर्तिकारों पर कार्रवाही करके ठंडे बस्ते में डाला अभियान
Betul Local News / भैंसदेही (मनीष राठौर) :- भैंसदेही सरकार ने प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियां बनाने और बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। निर्देश है कि जो भी पीओपी की मूर्तियों को बेचते पाया जाता है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये, आप पार्टी नेता पवन मनवर ने बताया कि शहर में न सिर्फ पीओपी की गणेश प्रतिमाएं बनाई जा रही है, बल्कि ट्रैकों में लोड करके अन्य नगर एवं गांव में बेची भी जा रही है, लेकिन नगर परिषद कोई ठोस कार्रवाही तक नहीं कर रही है। कुछ कार्रवाही करने के बाद पीओपी की मूर्तियों की जांच भी ठंडे बस्ते में डाल दी है। यहीं वजह है कि शहर में प्रतिबंध के बाद भी पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से गणेश जी की प्रतिमा बनाने का काम बड़े स्तर पर चल रहा है। बाजार में कई जगहों पर प्रतिमा बेचने के लिए भी लाई जा चुकी हैं। नगर के कौड़ीढाना में प्रतिमा बनाने का काम किया जा रहा है। पीओपी की छोटी प्रतिमाएं तो बाजार में बिकने के लिए आ चुकी हैं तो वहीं बड़ी प्रतिमाएं सांचे में ढालकर रंग करने के लिए तैयार हैं। जबकि इन रंगों व पीओपी से बनी प्रतिमाओं से पर्यावरण प्रदूषण होता है।
मिट्टी की प्रतिमा बनाने में आती है ज्यादा लागत
चूंकि मिट्टी से बनी प्रतिमाओं को बनाने में ज्यादा लागत आती है। जिनके बाजार में आते-आते दाम और बढ़ जाते हैं और लोग उन्हें ले नहीं पाते हैं। इस कारण ही पीओपी से प्रतिमा बनाकर लोग बाजार में बेचने के लिए ला रहे हैं। पीओपी की प्रतिमाओं को जब नदी में विसर्जित किया जाता है तो वह पानी में ज्यों की त्यों रहती हैं। जिसके कारण पानी भी प्रदूषित होता है और वह पानी में घुलती नहीं हैं। उन्हें जस की तस हालत में बाहर निकाल दिया जाता है। जिससे लोगों की आस्था को भी ठेस पहुंचती है।
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अशुद्ध होती हैं प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमाएं
नगर के समाजसेवी अशोक मालवीय द्वारा भी कई बार पीओपी की प्रतिमाएं न बनाने के पीछे लोगों का धार्मिक मत यह भी है कि पीओपी अशुद्ध होता है जिससे बनी प्रतिमाओं से पुण्य नहीं मिलता है। कोई प्रतिमा केवल मिट्टी, पत्थर या धातु से बनी होने पर ही शुद्ध मानी जाती है। इसलिए पीओपी से बनी प्रतिमाओं को विराजमान नहीं करना चाहिए। पीओपी न सिर्फ पानी बल्कि पर्यावरण को भी प्रदूषित करती है। लोगों का मानना है कि यदि प्रशासन सख्ती दिखाकर कार्रवाई कर दे तो पीओपी की प्रतिमा बनाने पर रोक लगाई जा सकती है। लेकिन नगर परिषद द्वारा ठोस कार्रवाही नहीं किये जाने से शहर में पीओपी की प्रमिताएं बनाने और बेचने का काम चल रहा है।