Betul Mela: गुरूवार साप्ताहिक बाजार से मेले में आई रौनक, झूलों पर उमड़ी भीड़

By betultalk.com

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                                                         कार्तिक पूर्णिमा के 15 दिन बाद ग्रामीण अंचलों से पहुंचे मेले में लोग

Betul Mela/मुलताई। नगर में गुरूवार साप्ताहिक बाजार से मेले में रौनक बढ़ी है तथा झूलों पर भी भीड़ उमडी देखी गई। इस वर्ष बड़ी संख्या में विभिन्न प्रकार के झूले आने से मेले में युवाओं में खासा उत्साह नजर आ रहा है। विशेष रूप से ग्रामीण अंचलों से लोग साप्ताहिक बाजार होने से बड़ी संख्या में मेले पहुंचे तथा झूलों का आनंद उठाया। झूलों के रोमांच से बड़ी संख्या में नगर के भी बच्चे एवं युवा मेले पहुंच रहे हैं तथा मनपसंद झूलों में झूल रहे हैं जिससे मेले का कोलाहल दूर दूर तक सुनाई दे रहा है। मेले में विभिन्न प्रकार की दुकानें लग गई है जिसमें ठंड के दृष्टिगत बड़ी संख्या में गर्म कपड़ों सहित कंबल एवं रजाईयों की दुकानें आई है। इसके अलावा जमीन पर बिछाने वाले कारपेट, घरेलू उपयोग की वस्तुओं के लिए घर संसार सेल तथा व्यंजनों की दुकानें मौजूद हैं जिसके साथ ही बच्चे एवं युवा आईस्क्रीम का आनंद भी उठा रहे हैं। युवाओं ने बताया कि शीतलहर में आईस्क्रीम खाने का मजा ही अलग होता है इसलिए मेले की बेसब्री से राह देखी जाती है ताकि आईस्क्रीम का लुत्फ उठा सके। दुकानदारों ने बताया कि गुरूवार से मेले में खासी भीड़ बढ़ गई है जिससे अब व्यापार अच्छे होने की संभावना है।

कटाई के बाद बोवनी में ग्रामीण व्यस्त

इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर मक्का तथा सोयाबीन की कटनी में ग्रामीण व्यस्त रहे जिसके कारण मेला विलंब से लगा।अब बताया जा रहा है कि गेंहू की बोवनी में ग्रामीणों के लगने का असर अभी मेले पर पड़ रहा है। ग्रामीण अंचलों के लोग गेंहू की बुवाई में जुट गए हैं जिससे अपेक्षित भीड़ अभी भी मेले में नहीं पहुंच रही है। ग्रामीणों ने बताया कि जैसे ही मक्का बेचने के बाद ग्रामीणों के पास पैसे आएंगे तथा गेंहू की बुवाई पूर्ण होगी मेले में बड़ी तादाद में लोग पहुंचेगें तथा भीड़ देखते ही बनेगी। उन्होने बताया कि किसान अभी भी व्यस्त है इसलिए ग्रामीण अंचलों से सभी लोग मेले नही पहुंच पा रहे हैं इसलिए अभी थोड़े और इंतजार के बाद मेला और बढ़ेगा।

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पूर्णा मेले में पड़ा था फसल कटाई का असर

ताप्ती मेले में पहुंचे बड़ी संख्या में व्यापारियों ने बताया कि इसके पूर्व वे पूर्णा मेले में गए थे लेकिन फसलों की कटाई का असर मेले में पड़ा था जिससे मेला अपेक्षित रूप से सफल नहीं हो सका। व्यापारियों ने बताया कि बड़ी संख्या में व्यापारियों को इस वर्ष पूर्णा मेले में क्षति उठाना पड़ा है जिसके भरपाई के लिए अधिकांश व्यापारी ताप्मी मेले में पहुंचे हैं। व्यापारियों ने बताया कि प्रतिवर्ष पूर्णा मेले में खासी आवक हो जाती थी लेकिन इस वर्ष फसल की कटाई में किसान एवं ग्रामीण व्यस्त होने के कारण मेले में भीड़ ही नहीं उमड़ी जिससे व्यापार प्रभावित हो गया।

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