पब्लिक को जागरूक करने नगरपालिका करती साल में 18 लाख नही डाला जा रहा कचरा वहान में गीला सूखा कचरा अलग अलग…
BETUL NEWS / आमला :- शहर में गीले-सूखे कचरे को लेकर लोगों में अभी भी जागरूकता की कमी है। कारण है, जागरूकता की अखल जगाने जिस कंपनी के पास ठेका है,जिसको 18 वार्डो में पब्लिक को जागरूक करना है उस कंपनी के कर्मचारी अपना कर्तव्य ठीक से नहीं निभा रहे है। परिणाम लोग स्वयं कचरा गाड़ी में जो कचरा डाल रहे है, वह अलग-अलग खाने (बाक्स) में न डालकर एक साथ फेंक देते है। कचरा वाहन पर चलने वाले कर्मचारी भी गाड़ी में बैठकर ही लोगों से इशारे में कचरा डालने के लिए बोल रहे है। जिससे लोग गीला-सूखा कचरा अलग न देते हुए एक साथ ही दे रहे हैं। जब यह कचरा ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंचता है तो वहां भी कचरे को अलग-अलग करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत कचरे के उचित निष्पादन के लिए सोर्स स्थल से ही गीला व सूखा कचरा अलग-अलग लेने के उद्देश्य से नगरपालिका ने जागरूकता के लिए लाखों रूपये का ठेका दिया है। लेकिन ठेका कंपनी के कर्मचारी न कोई अभियान चलाते है और न ही लोगों को समझाईश देते है। परिणाम लोग आज भी ठोस अवशिष्ट कचरा और गीला कचरा एक साथ गाड़ी में फेंक रहे है। वही कचरे से खाद्य बनाने की योजना कागजो तक ही सीमित रहे गई है जिसकी वजह से नगर पालिका को लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
18 लाख का ठेका, एक दिन भी नहीं चलाया अभियान ….
नगरपालिका ने शहर के लोगों को कचरे के प्रति जागरूक करने के लिए सांई विजन कंपनी को जागरूकता का ठेका दिया है। करीब 18 लाख रूपये में ठेका दिये जाने की जानकारी है, लेकिन ठेका कंपनी द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए कोई एक्टीविटी दिखाई नहीं दे रही है। मात्र कचरा गाड़ी पर रिकॉर्डिंग चलती है, जिसमें भी स्वच्छता से संबंधित गाने चलते है। न डोर-टू-डोर समझाईश दी जाती है और न ही नुक्कड़ नाटक आयोजित होते है। यदि महीनें में एकाधिक बार कचरे को लेकर जन-जागरूकता अभियान चलता भी है तो यह सिर्फ फोटो खिंचवाने तक सीमित रहता है। दीवारों पर लेखन लिखकर लोगों में जागरूकता फैलाने की प्रयास होता है। यहीं वजह है कि लोग गीले-सूखे और केमिकल्सयुक्त कचरे के प्रबंधन और रखरखाव को लेकर अनजान बने हुए है।
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स्वच्छता रैंकिंग पर पड़ेगा असर …
कचरे का उचि प्रबंधन नही होने से इसका असर स्वच्छता रैंकिंग पर पड़ता है। लेकिन जिम्मेदार मौन है। ठेका देने के बाद नपा अधिकारी भी कंपनी की एक्टिविटी को लेकर ज्यादा कुछ सख्ती नहीं दिखा रहे है। जिससे ठेका कंपनी भी अभियान चलाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। बता दे कि नगरपालिका क्षेत्रातंर्गत 18 वार्ड है। इन वार्डो से प्रतिदिन कचरा गाड़ी कचरा संग्रहित करती है। एक अनुमान के मुताबिक शहर से प्रतिदिन 8 से 10 टन कचरा निकलता है। इस कचरे को ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंचाया जाता है। वैसे नियमानुसार सोर्स स्थल से ही कचरा अलग-अलग लेना है, किन्तु कर्मचारियों की लापरवाही के कारण गीला-सूखा कचरा एक साथ ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंच रहा है।
इनका कहना है –
समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है। लोगों को जागरूक करने लिए नपा द्वारा ठेका दिया गया है। कम्पनी के लोग नागरिकों को जागरूक कर रहे है।
- उल्लाश जोशी, स्वच्छता प्रभारी, नपा आमला
स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए नपा द्वारा ओम साईं विजन कम्पनी को 18 लाख का ठेका दिया गया है। लोगों को बार-बार बोला जा रहा है कि कचरा वाहन में गीला-सूखा कचरा अलग-अलग डाला जाए, लेकिन लोगों के पास एक ही डस्टबीन रहता है। डोर टू डोर जागरूता अभियान चलाने के निर्देश दिए जाएंगे।
- नितिन गाडरे, अध्यक्ष, नगर पालिका आमला