181 शिकायत पर बिना निराकरण के उच्च अधिकारी द्वारा कर दी जाती है बंद

By betultalk.com

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                                                  कहते उच्च अधिकारी द्वारा आपका पूर्ण रूप से समाधान कर दिया गया

BETUL NEWS/ भैंसदेही (मनीष राठौर) :- भैंसदेही ब्लाक मुख्यालय में संचालित शासकीय कार्यालय में मूलभूत सुविधाओं के लिए सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 की शिकायत विभागों में ही उलझकर रह गई है। समय पर शिकायतों का निराकरण नहीं किया जा रहा है। सीएम हेल्पलाइन में अब सुनवाई नहीं हो रही है।जो एक बड़ा सवाल का विषय है इससे आम जनता को परेशानी हो रही है। ओर उन्हें अपने समस्याओं का निराकरण नहीं मिल रहा है। सीएम हेल्पलाइन समस्याओं का निराकरण करना था लेकिन अब यह हेल्पलाइन नंबर ही एक समस्या का कारण बन गई है। नगर परिषद और जनपद पंचायत भैंसदेही ऐसे कार्यालय हैं जो जनता के अवश्य के महत्वपूर्ण कार्य अधिकारियों द्वारा किए जाते है।परन्तु सीएम हेल्पलाइन इन कार्यालय में पेंडिंग है। ये शिकायतें महीनों से पेंडिंग पड़ी हुई हैं। ओर उनका निराकरण नहीं किया जा रहा है। इससे आम जनता को परेशानी हो रही है।ओर उन्हें अपनी समस्याओ का समाधान नहीं मिल रहा है। ज्यादातर शिकायत आवास योजना, नल जल, पुलिया,बंटवारा, नाली रोड निर्माण सम्बन्धित है। अब सुविधाओं के लिए सीएम हेल्पलाइन का सहारा लेना पड़ रहा है।

( विभागों की लापरवाही पर नहीं होती कारवाई )

विभागों की लापरवाही के कारण सीएम हेल्पलाइन की शिकायतें पेंडिंग पड़ी हुई हैं। इससे आम जनता को परेशानी हो रही है। ओर उन्हें अपनी समस्याओं का समाधान नहीं मिल पा रहा है। विभागों को चाहिए कि वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक से करे और शिकायतों का निराकरण करे।

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( कारवाई के लिए अधिकारियों की जवाबदेही )

अधिकारियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक से कर सकें। सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण करने में अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। अगर अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक से नहीं करे तो शिकायतें पेंडिंग पड़ी रहेंगी और आम जनता को परेशानी होंगी। प्रशासन को चाहिए की वे आम जनता की परेशानी को समझे और शिकायतों का निराकरण करे।

( सूचना का अधिकार ( RTI) की जानकारी नहीं दी जाती विभाग से )

प्रत्येक वर्ष 12 अक्टूबर को सूचना का अधिकार दिवस मनाया जाता है। सूचना का अधिकार अधिनियम लागू हुए 20 साल पूरे हो चुके हैं। यह अधिनियम 21 वे वर्ष में प्रवेश कर चुका है।RTI एक्टिविस्ट की माने तो जिस उद्देश्य से इस अधिनियम को बनाया गया था। आज यह अधिनियम उस उद्देश्य को हासिल करने में असफल है।आज विभागों द्वारा RTI के जरिए सूचना मांगने पर नगर परिषद, जनपद पंचायत एवं अन्य विभाग गोल मोल जवाब देते हैं।या कहते अपील लगा दो हम जवाब नहीं दे सकते है जो बेहद निंदनीय है। ओर इस पर सुप्रीम कोर्ट व केंद्र सरकार को संज्ञान लेने की आवश्यकता है।

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