पुलिस और प्रशासन के अधिकारी संभाल रहे हैं कमान, व्रज वाहन भी तैनात
BETUL NEWS/भैंसदेही (मनीष राठौर) :- भैंसदेही क्षेत्र में एक आदिवासी युवक संदीप चिल्हाटे के साथ शराब ठेकेदार के कर्मचारियों और पुलिस द्वारा मारपीट और जातिसूचक गालियां देने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना के विरोध में शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोगों ने भैंसदेही मुख्यालय पर जोरदार धरना प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों की मांग
प्रदर्शनकारियों ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए प्रशासन को चेताया कि यदि उचित न्याय नहीं मिला, तो आंदोलन और तेज होगा। आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि मारपीट करने वाले उपनिरीक्षक नितिन उईके को सिर्फ लाइन अटैच करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि निलंबित किया जाना चाहिए। साथ ही, शराब ठेकेदार के कर्मचारियों पर आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज कर, ठेकेदार को भी आरोपी बनाया जाए।
प्रशासन की तैयारी
इस प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने भैंसदेही में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। व्रज वाहन सहित आसपास के आठ थानों का पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया था। गंज, भैंसदेही, चौपना, आठनेर, मोहदा, चिचोली, शाहपुर और बैतूल कोतवाली से बल बुलाया गया। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती और निगरानी रही।
पुलिस अधीक्षक की कार्रवाई
घटना के बाद पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने कार्रवाई करते हुए उपनिरीक्षक नितिन उईके को लाइन अटैच किया और शराब ठेकेदार के कर्मचारी शिव इंगले, करण उईके और संजय कुमरे के विरुद्ध भी कार्यवाही की। हालांकि, आदिवासी समाज इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है।
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आंदोलन की चेतावनी
आदिवासी संगठनों ने चेताया कि यदि दोषियों पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो आदिवासी समाज जिलेभर में प्रदर्शन करेगा। प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा और प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों से संवाद किया। भैंसदेही में आदिवासी समुदाय का जोरदार धरना प्रदर्शन एक महत्वपूर्ण घटना है, जो आदिवासी समुदाय के अधिकारों और न्याय की मांग को दर्शाती है। प्रशासन को इस मामले में ठोस कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों को सजा दिलानी चाहिए।